पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट में लेनदेन कर में कटौती का किया आह्वान

Edited By Updated: 18 Nov, 2025 05:05 PM

capital market representatives have called for a reduction transaction tax

पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट में लेनदेन कर में कटौती और वित्तीय क्षेत्र को मजबूत करने के उपायों की मंगलवार को वकालत की। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में पूंजी बाजार की दक्षता में सुधार और पूंजी...

नई दिल्लीः पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों ने आगामी बजट में लेनदेन कर में कटौती और वित्तीय क्षेत्र को मजबूत करने के उपायों की मंगलवार को वकालत की। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में पूंजी बाजार की दक्षता में सुधार और पूंजी बाजार समावेश बढ़ाने के बारे में भी सुझाव दिए गए। सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने वायदा-विकल्प की तुलना में नकद बाजार कारोबार पर कम प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) की मांग की। यह वित्त मंत्री और बीएसई, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया, एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स और कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया सहित पूंजी बाजार के प्रतिनिधियों के बीच चौथी बजट-पूर्व बैठक थी। 

पूंजी बाजार ने वित्त वर्ष 2024-25 में 14.6 लाख करोड़ रुपए के संसाधन जुटाने में मदद की जो उससे गत वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 33 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वित्तीय साधनों की एक विस्तृत श्रृंखला..शेयर एवं ऋण से लेकर रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) तक के इस्तेमाल में कॉरपोरेट तथा बुनियादी ढांचा संस्थाओं की विकसित व अनुकूल वित्तपोषण रणनीतियों का भी उल्लेख किया गया। शेयर एवं ऋण खंडों का योगदान केवल 14.2 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पूंजी निर्माण में सहायता करने तथा आर्थिक वृद्धि को गति देने में उनकी केंद्रीय भूमिका की पुष्टि करता है। 

बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, आर्थिक मामलों के विभाग की सचिव अनुराधा ठाकुर, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। यह बजट पूर्व परामर्श की श्रृंखला में चौथा परामर्श है जिसे वित्त मंत्रालय बजट 2026-27 को अंतिम रूप देने से पहले प्रतिवर्ष आयोजित करता है। वित्त मंत्री ने अर्थशास्त्रियों, कृषि क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधियों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के दिग्गजों से क्रमशः पहले, दूसरे एवं तीसरे दौर की चर्चा के तहत पिछले सप्ताह मुलाकात की थी। 

सीतारमण आगामी बजट के दौरान भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं तथा भारत से आयातित वस्तुओं पर अमेरिका के 50 प्रतिशत के शुल्क की पृष्ठभूमि में वार्षिक लेखा-जोखा पेश करेंगी। वह संभवतः एक फरवरी को अपना लगातार नौवां बजट पेश करेंगी। वित्त वर्ष 2026-27 के बजट में मांग बढ़ाने, रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को आठ प्रतिशत से अधिक की निरंतर वृद्धि दर पर लाने के मुद्दों पर ध्यान दिए जाने की संभावना है। सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।  

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