Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 May, 2021 10:30 AM
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर सोमवार को 8.2 प्रतिशत कर दिया जबकि पहले उसने 11 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान रखा था। एजेंसी ने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जून अंत...
बिजनेस डेस्कः क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर सोमवार को 8.2 प्रतिशत कर दिया जबकि पहले उसने 11 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान रखा था। एजेंसी ने कहा कि यदि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जून अंत तक के बाद कम हो जाए तो वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि 8.2 प्रतिशत रह सकती है। उसने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत की अनुमानित 11 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर के घटने का जोखिम हो सकता है।
तो और घट सकती है आर्थिक वृद्धि
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर यदि मई अंत तक रहती है तो आर्थिक वृद्धि 9.8 प्रतिशत रह सकती है। अगर लहर जुलाई तक रही तो वृद्धि दर के 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।'' आधिकारिक अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत संकुचित हुई थी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद वृद्धि दर के घटने का जोखिम बन गया है।
15% राजस्व वृद्धि का अनुमान
एजेंसी ने कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संक्रमण का प्रसार और टीकाकरण है। महामारी की दूसरी लहर वैश्विक स्तर पर बहुत बड़े पर फैली लेकिन भारत में संक्रमण दर के बढ़ने के साथ मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है। उसने कहा कि भारत पूरी तरह से टीकाकरण करने वाली आबादी के मामले में काफी नीचे है। यदि अक्टूबर तक देश की आधी आबादी को कोरोना का टीका लग जाता है तो यह अच्छा होगा। रेटिंग एजेंसी ने हालांकि 15 प्रतिशत राजस्व वृद्धि का अनुमान बनाए रखा है।