कोरोना संकट के चलते केन्द्र सरकार ने लिया फैसला, 12 लाख करोड़ रुपए लेगी उधार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2020 12:37 PM

due to corona crisis central government took decision

केंद्र सरकार ने COVID-19 संकट के चलते चालू वित्त वर्ष के उधारी में बढ़ोतरी कर दी है। अब सरकार ने वित्त वर्ष 2021 के लिए 12 लाख करोड़ रुपए उधार लेने का फैसला किया है। यह राशि बजट में पहले से तय उधारी के लक्ष्य 7.80 लाख करोड़ रुपए से 4.20 लाख करोड़...

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने COVID-19 संकट के चलते चालू वित्त वर्ष के उधारी में बढ़ोतरी कर दी है। अब सरकार ने वित्त वर्ष 2021 के लिए 12 लाख करोड़ रुपए उधार लेने का फैसला किया है। यह राशि बजट में पहले से तय उधारी के लक्ष्य 7.80 लाख करोड़ रुपए से 4.20 लाख करोड़ रुपए ज्यादा होगी। कोविड-19 संकट की वजह से अर्थव्यस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में राजस्व में कमी की भरपाई के लिए सरकार ने बाजार से कर्ज जुटाने की अनुमानित सीमा को बढ़ा दिया है।

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सरकार अपनी आमदनी और खर्च के अंतर को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज जुटाती है। सरकार ने साप्ताहिक उधारी लक्ष्य को भी बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपए कर दिया है। इससे पहले 31 मार्च को साप्ताहिक उधारी को 21,000 करोड़ रुपए तय किया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में वित्त वर्ष के दौरान सकल उधारी अनुमान 7.8 लाख करोड़ रुपए रखा था। इससे पहले 2019-20 में यह अनुमान 7.1 लाख करोड़ रुपए पर था।

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बाजार कर्ज अनुमान में बढ़ोतरी के बाद अब सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को भी बढ़ाना होगा। चालू वित्त वर्ष के बजट में राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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सरकार को उधारी की जरुरत क्यों पड़ती है?
हर सरकार को तमाम तरीके के सार्वजनिक खर्च करने पड़ते है जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, बुनियादी सुविधाओं के विस्तार पर आनेवाले तरह-तरह के खर्च शामिल होते हैं। इसके लिए सरकार को बाजार से बड़ी मात्रा में पैसे जुटाने होते हैं।
 
GST कलेक्शन से भी सरकार को राहत नहीं
देश में कारोबारी गतिविधियां ठप्प पड़ गई हैं। सरकार की जीएसटी से होने वाली कमाई मार्च में घटकर 28000 करोड़ रुपए के स्तर पर आ गई। गौरतलब है कि प्रति माह औसत जीएसटी  (GST) कलेक्शन मार्च के पहले 1 लाख करोड़ रुपए के आसपास रहता था। इस स्थिति को देखते हुए सरकार के पास बाजार से उधारी बढ़ाने के अलावा दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा।

GDP बुरी तरह प्रभावित, राहत पैकेज का इंतजार
बता दें कि सरकार को इस बार बजट गैप, राजकोषीय घाटा के साथ जीडीपी वृद्धि के मोर्चे पर काफी कुछ करना होगा। यह सभी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हैं। यही नहीं, तमाम रेटिंग एजेंसियों ने इस साल की जीडीपी की वृद्धि दर को जीरो तक घटा दिया है। सरकार अभी तक कोविड-19 के लिए केवल एक बार 1.70 लाख करोड़ रुपए का पैकेज जाहिर की है। अगर उसे ज्यादा पैकेज जारी करना पड़ा तो सरकार को आगे और भी उधार लेने की जरूरत पड़ेगी। हालांकि सरकार से दूसरे बड़े पैकेज की उम्मीद है, लेकिन यह अभी तक जाहिर नहीं हुआ है। 

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