विजय माल्या केस में फंसेंगे एयर डेक्कन के फाउंडर गोपीनाथ, जांच एजेंसियों ने शुरू की पड़ताल

Edited By Updated: 12 Feb, 2019 02:40 PM

gopinath founder of air deccan will be caught in vijay mallya case

विजय माल्या केस में देश के कई बड़े उद्योगपतियों का नाम सामने आ सकता है। जांच एजेंसियों ने इस मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। डेक्कन एविएशन लिमिटेड के फाउंडर जी आर गोपीनाथ की ओर जांच एजेंसियों की नजर मुड़ गई है।

नई दिल्लीः विजय माल्या केस में देश के कई बड़े उद्योगपतियों का नाम सामने आ सकता है। जांच एजेंसियों ने इस मामले की पड़ताल शुरू कर दी है। डेक्कन एविएशन लिमिटेड के फाउंडर जी आर गोपीनाथ की ओर जांच एजेंसियों की नजर मुड़ गई है। सूत्रों ने बताया कि यह मामला भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या की दीवालिया हो चुका किंगफिशर एयरलाइंस के लोन डिफॉल्ट में गोपीनाथ की कथित भूमिका रही है।

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किंगफिशर एयरलाइंस ने गोपीनाथ को दिए थे 30 करोड़ रुपए
जांच के मुताबिक गोपानाथ ने डायवर्जन के इंस्ट्रूमेंट्स पर दस्तखत किए थे। वह डेक्कन एविएशन लिमिटेड के ऑथराइज्ड सिग्नेटरी थे। किंगफिशर एयरलाइंस ने फरवरी में गोपीनाथ को 30 करोड़ रुपए दिए थे। इस पेमेंट की भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि एक्सिस बैंक के खातों के जरिए 'फंड डायवर्जन' के लिए वह सीबीआई के रडार पर भी हैं। जब ये लोन दिए गए थे, उस समय गोपीनाथ किंगफिशर एयरलाइंस के डायरेक्टर थे। देश की पहली लो-फेयर फ्लाइट सर्विस डेक्कन को माल्या के हाथ 2007 में बेचने के बाद वह किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े थे। 

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गोपीनाथ को 30 करोड़ रुपए दिए थे
जांच एजेंसी एसबीआई से डेक्कन एविएशन को मंजूर किए गए 340 करोड़ रुपए के लोन के संबंध में गोपीनाथ की जांच कर रही हैं। सीरियस फ्रॉड इनवेस्टिगेशन ऑफिस ने 2017 की एक रिपोर्ट में इस बात पर सवाल उठाया था कि स्टेकहोल्डर्स या हाई कोर्ट को जानकारी दिए बिना 'नॉन-कंपीट फी' के रूप में गोपीनाथ को 30 करोड़ रुपए दिए गए थे। बताया जाता है कि एसएफआईओ ने कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री को यह सलाह दी थी कि इस ट्रांजैक्शन से सीधे तौर पर जुड़े कई लोगों पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी करने और जालसाजी करने के आरोपों में मुकदमा किया जाए। 

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एसएफआईओ की वह रिपोर्ट सीबीआई ने देखी है। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि किंगफिशर एयरलाइंस और डेक्कन के बीच उस डील में कारोबारी नैतिकता का ध्यान नहीं रखा गया था। गोपीनाथ ने अपना बचाव करते हुए कहा था कि वह तो डेक्कन एविएशन में माइनॉरिटी शेयरहोल्डर थे। 

एजेंसियों का मानना है कि माल्या के खिलाफ दी गईं दलीलें गोपीनाथ के मामले में भी लागू होती हैं। सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसियों ने माल्या की इस दलील में कोई दम नहीं पाया था कि किंगफिशर 'कारोबारी हालात में बदलाव के कारण फेल हो गई थी।' 
 

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