Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Oct, 2025 03:55 PM

सरकार के वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि सितंबर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से राजस्व संग्रह ₹1.89 लाख करोड़ रहा। पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा ₹1.73 लाख करोड़ था यानी इस बार जीएसटी कलेक्शन में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। यह लगातार दूसरा महीना...
बिजनेस डेस्कः सरकार के वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि सितंबर में वस्तु एवं सेवा कर (GST) से राजस्व संग्रह ₹1.89 लाख करोड़ रहा। पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा ₹1.73 लाख करोड़ था यानी इस बार जीएसटी कलेक्शन में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी की आमदनी ₹1.85 लाख करोड़ से ऊपर बनी रही। अगस्त में यह ₹1.86 लाख करोड़ रहा था, जो सालाना आधार पर करीब 6.5% की बढ़ोतरी दर्शाता है।
मंत्रालय ने कहा कि लगातार बेहतर कलेक्शन से न सिर्फ सरकारी खजाने को मजबूती मिल रही है बल्कि यह अर्थव्यवस्था में खपत और कारोबारी गतिविधियों की मजबूती को भी दिखाता है।
IGST कलेक्शन ने बनाया रिकॉर्ड
एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) का कलेक्शन इस साल पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए के पार गया। सितंबर में IGST की कमाई 1,01,883 करोड़ रुपए रही, जो जनवरी 2025 के रिकॉर्ड 1,01,075 करोड़ रुपए से अधिक है। इससे देश के भीतर व्यापार और वस्तुओं के आदान-प्रदान में तेजी का संकेत मिलता है। हालांकि, सेस कलेक्शन में गिरावट आई है। अप्रैल में यह 13,451 करोड़ रुपए था, जो सितंबर में घटकर 11,652 करोड़ रुपए रह गया। बावजूद इसके, कुल GST संग्रह पर इसका खास असर नहीं पड़ा।
अगस्त और सितंबर के त्योहारों के दौरान GST संग्रह 3.8 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि से 7.8% अधिक है। त्योहारों के कारण बाजार में खरीदारी बढ़ने से सरकार को अधिक टैक्स प्राप्त हुआ।
GST परिषद ने सितंबर की शुरुआत में कर प्रणाली में बड़े सुधार किए। चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर अब केवल दो मुख्य स्लैब 5% और 18% रह गए हैं। इसके अलावा, सिन और लग्जरी वस्तुओं पर 40% टैक्स लगाया गया। ये बदलाव 22 सितंबर से लागू हैं और इनका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना, कारोबारियों के लिए आसान बनाना और आम उपभोक्ताओं को राहत देना है।