Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Nov, 2025 03:30 PM

जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद त्योहारी खरीदारी के कारण अक्टूबर में सकल जीएसटी संग्रह 4.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपए हो गया। रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सहित 375 वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें 22...
बिजनेस डेस्कः जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद त्योहारी खरीदारी के कारण अक्टूबर में सकल जीएसटी संग्रह 4.6 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपए हो गया। रसोई के सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सहित 375 वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी हुईं थीं। यह नवरात्रि का पहला दिन था और यह समय नए सामान खरीदने के लिए शुभ माना जाता है।
अक्टूबर के जीएसटी संग्रह के आंकड़े त्योहारी सत्र की बिक्री और दबी हुई मांग के प्रभाव को दर्शाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में दिवाली से पहले जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद उपभोक्ताओं ने जीएसटी दरों में कटौती का इंतजार करते हुए अपनी खरीदारी का फैसला टाल दिया था। शनिवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर में सकल जीएसटी संग्रह लगभग 1.96 लाख करोड़ रुपए रहा, जो अक्टूबर 2024 के 1.87 लाख करोड़ रुपए के संग्रह से 4.6 प्रतिशत अधिक है। इस साल अगस्त और सितंबर में कर संग्रह क्रमशः 1.86 लाख करोड़ रुपए और 1.89 लाख करोड़ रुपए से थोड़ा कम रहा।
हालांकि अक्टूबर में जीएसटी संग्रह में सालाना आधार पर 4.6 प्रतिशत की वृद्धि पिछले महीनों में देखी गई लगभग नौ प्रतिशत की औसत वृद्धि से कम है। सकल घरेलू राजस्व, जो स्थानीय बिक्री का एक संकेतक है, अक्टूबर में दो प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपए हो गया। दूसरी ओर आयात कर लगभग 13 प्रतिशत बढ़कर 50,884 करोड़ रुपए रहा। जीएसटी रिफंड भी सालाना आधार पर 39.6 प्रतिशत बढ़कर 26,934 करोड़ रुपए हो गया। अक्टूबर 2025 में शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.69 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.2 प्रतिशत अधिक है।