लोन मोराटोरियम मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर को, केंद्र ने SC से मांगा और समय

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2020 11:38 AM

hearing on lone moratorium to be held on october 5 center asks sc for more time

सुप्रीम कोर्ट में आज लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई को 5 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है। केंद्र सरकार ने आज सुनवाई के दौरान कोर्ट से समय मांगा है। केंद्र सरकार ने कहा की वह इस मामले में आरबीआई से बातचीत कर रही है औ

बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट में आज लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई को 5 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया है। केंद्र सरकार ने आज सुनवाई के दौरान कोर्ट से समय मांगा है। केंद्र सरकार ने कहा की वह इस मामले में आरबीआई से बातचीत कर रही है और बहुत जल्द कोई समाधान निकलेगा। इसलिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए थोड़ा समय दिया जाए। इसके बाद अब लोन मोरेटोरियम मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी। इससे पहले 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामले को बार-बार टाला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह का मौका देते हुए कहा था कि सब अपना जवाब दाखिल करें और मामले में ठोस योजना के साथ अदालत आएं।

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दरअसल ये पहले से चल रही सुनवाई के क्रम में ही है। इस मोरेटोरियम में व्यवस्था है कि जो लोग अपनी EMI नहीं दे सकते हैं, उनके पास आगे के लिए अपनी EMI स्थगित करने का विकल्प होगा। जबकि याचिका करने वालों का कहना है कि इसका कोई फायदा लोगों को नहीं मिल रहा है क्योंकि जो अपने EMI स्थगित कर रहे हैं तो उन्हें इस स्थगन की अवधि का पूरा ब्याज देना पड़ रहा है।

सरकार का कहना है कि स्थगन की अवधि के ब्याज (जो चक्रवृद्धि के तौर पर है) को स्थगित करने से बैंको को भारी नुकसान होगा और कई बैंक बैठ जाएंगे। साथ ही जो लोग चक्रवृद्धि ब्याज (Compound Interest) दे चुके हैं उनको नुकसान होगा। सरकार कई बार इस पूरे मामले में RBI को आगे करके अपना पल्ला झड़ती भी नजर आई है।

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मोरेटोरियम का मकसद ब्याज माफ करना नहीं
सरकार और RBI की तरफ से दलील रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ब्याज पर छूट नहीं दे सकते हैं लेकिन भुगतान का दबाव कम कर देंगे। मेहता ने कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाला कोई फैसला नहीं लिया जा सकता। हालांकि, इस दौरान उन्होंने यह भी माना कि जितने लोगों ने भी समस्या रखी है वे सही हैं। हर सेक्टर की स्थिति पर विचार जरूरी है, लेकिन बैंकिंग सेक्टर का भी खयाल रखना होगा। तुषार मेहता ने कहा कि मोरेटोरियम का मकसद यह नहीं था कि ब्याज माफ कर दिया जाएगा।

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31 अगस्त को खत्म हो चुकी है मोरेटोरियम की अवधि
कोरोना वायरस संकट के दौरान आरबीआई ने लोगों को फौरी राहत के तौर पर लोन मोरेटोरियम की सुविधा शुरू की थी। आरबीआई के लोन मोरेटोरियम के तहत, कर्जधारकों को 31 अगस्त तक EMI चुकाने से राहत दी गई थी। 1 सितंबर से यह सुविधा खत्म हो गई है। 

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