Vedanta के शेयरों में भारी गिरावट, मूडीज की रिपोर्ट के बाद लगा तगड़ा झटका

Edited By Updated: 27 Sep, 2023 02:21 PM

heavy fall in vedanta shares moody s spoils the mood of investors

वेदांता के शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव दिख रहा है। इसके शेयरों में बिकवाली की वजह वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज है। मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अनिल अग्रवाल की इस कंपनी की रेटिंग को डाउनग्रेड कर सीएए1 से सीएए2 कर दिया है। इसके चलते आज वेदांता के शेयर...

बिजनेस डेस्कः वेदांता के शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव दिख रहा है। इसके शेयरों में बिकवाली की वजह वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज है। मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अनिल अग्रवाल की इस कंपनी की रेटिंग को डाउनग्रेड कर सीएए1 से सीएए2 कर दिया है। इसके चलते आज वेदांता के शेयर इंट्रा-डे में बीएसई पर 6.27 फीसदी टूटकर 210 रुपए पर आ गए थे जो इसके शेयरों के लिए एक साल का निचला स्तर है। इसके बाद भाव में थोड़ी रिकवरी तो हुई है लेकिन अब भी यह काफी दबाव में है। फिलहाल बीएसई पर यह 5.65 फीसदी की गिरावट के साथ 211.40 रुपए के भाव पर ट्रेड कर रहा है।

Moody’s ने क्यों कम की रेटिंग

मूडीज ने वेदांता की रेटिंग को डाउनग्रेड कर सीएए1 से सीएए2 कर दिया है। वेदांता रिसोर्सेज और इसकी पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी वेदांता रिसोर्सेज फाइनेंस 11, दोनों के सीनियर अनसिक्योर्ड बॉन्ड्स की रेटिंग को भी सीएए2 से कम कर सीएए3 कर दिया है। सब्सिडियरी के अनसिक्योर्ड बॉन्ड्स की वेदांता रिसोर्सेज गारंटर है। इसके अलावा इनका आउटलुक भी वेदांता ने निगेटिव रखा है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक वेदांता रिसोर्सेज ने अगले साल मेच्योर होने वाले Debt की रीफाइेंसिंग को लेकर कुछ खास नहीं किया है और इसके चलते डेट रीस्ट्रक्चरिंग का रिस्क बढ़ा है। जनवरी 2024 और अगस्त 2024 में इसके 100 करोड़ डॉलर-100 करोड़ डॉलर के डेट मेच्योर हो रहे हैं।

और भी रेटिंग एजेंसियों ने किया Vedanta को डाउनग्रेड

इससे पहले मार्च में क्रिसिल ने वेदांता की रेटिंग को स्टेबल से निगेटिव कर दिया। क्रिसिल ने कंपनी की लोअर फाइनेंशियल फ्लेक्सिबिलिटी और उम्मीद से अधिक फाइनेंशियल लीवरेज की संभावना के चनते इसकी रेटिंग डाउनग्रेड की थी। वहीं इंडिया रेटिंग्स ने भी वेदांता पर अपना आउटलुक रिवाइज कर निगेटिव कर दिया था। इंडिया रेटिंग्स ने कर्ज की बढ़ी हुई लागत पर रीफाइनेंसिंग के बढ़ते रिस्क के चलते आउटलुक में यह बदलाव किया था। पिछले हफ्ते 21 सितंबर को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) के रूप में 2500 करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। कंपनी के मुताबिक फंड जुटाने की यह योजना इसकी रूटीन रीफाइनेंसिंग का एक हिस्सा है।

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