Edited By Yaspal,Updated: 28 Apr, 2019 06:06 PM
भारत में 2013 के बाद डेटा कॉस्ट तेजी से कम होने के कारण इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ी है। आंकडों के अनुसार 2023 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स 40 प्रतिशत हो जाएगी। इसके साथ स्मार्टफोन्स की संख्या दोगु....
नई दिल्ली भारत में 2013 के बाद डेटा कॉस्ट तेजी से कम होने के कारण इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ी है। आंकडों के अनुसार 2023 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स 40 प्रतिशत हो जाएगी। इसके साथ स्मार्टफोन्स की संख्या दोगुना बढ़ जाएंगी। मैकिन्सेकी एक रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि 2025 तक कोर डिजिटल सेक्टर में भी दोगुनी बढ़त देखने को मिलेगी।
56 करोड़ इंटरनेट यूजर्स
मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट की तरफ से 'डिजिटल इंडिया - टेक्नॉलजी टू ट्रांसफॉर्म अ कनेक्शन नेशन' नाम से पेश की गई है। इसमें बताया है कि भारत का डिजिटल मार्केट सबसे तेजी से उभरता मार्केट है। चाइना मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा इंटरनेट सब्सक्राइबर्स वाला देश है और इसके बाद दूसरे सबसे बड़े देश भारत में करीब 56 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं।
2013 से डेटा की लागत 95 प्रतिशत कम
मैकिन्से ने कहा है कि 17 मौजूदा और उभरते बाजारों के हमारे विश्लेषण से पता लगाया है कि भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक तेजी से डिजिटल हो रहा है। उनका कहना है कि सरकार की मदद से अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद मिली है। रिलायंस जियो जैसी निजी कंपनी के कारण 2013 से डेटा की लागत 95 प्रतिशत से अधिक कम हुई है।
हर महीने का डेटा औसतन
भारत में मोबाइल डेटा यूजर्स हर महीने औसतन 8.3 जीबी मोबाइल डेटा यूज करते हैं। देश में 120 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स हैं और 2023 तक इनकी संख्या दोगनी हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार देश में मोबाइल डेटा यूजर औसतन प्रति माह 8.30 जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं। यह औसत चीन में 5.50 जीबी और दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत डिजिटल बाजार में 8 से 8.5 जीबी है।