Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2025 10:43 AM

देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआती 80 दिनों के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, कॉरपोरेट और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स के साथ-साथ एडवांस...
बिजनेस डेस्कः देश के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआती 80 दिनों के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, कॉरपोरेट और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स के साथ-साथ एडवांस टैक्स और टैक्स रिटर्न में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्सपेयर्स को बेहतर सेवाएं और तेज प्रोसेसिंग मिलने से टैक्स रिफंड में भी बड़ा उछाल आया है।
5.45 लाख करोड़ रुपए हुआ डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन
वित्त मंत्रालय के अनुसार, 19 जून 2025 तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 4.86% बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया, जो बीते साल इसी अवधि में 5.19 लाख करोड़ रुपए था। हालांकि, टैक्स रिफंड में तेज बढ़ोतरी के चलते शुद्ध टैक्स संग्रह (नेट कलेक्शन) में हल्की गिरावट देखी गई।
टैक्स रिफंड में 58% की जबरदस्त छलांग
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, टैक्स रिफंड में साल-दर-साल 58.04% की बढ़ोतरी हुई है। यह रिफंड 2024 में 54,661 करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 86,385 करोड़ रुपए हो गया है। इसके चलते नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1.39% घटकर 4.58 लाख करोड़ रुपए रह गया।
एडवांस टैक्स में भी बढ़त
एडवांस टैक्स कलेक्शन में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। कुल एडवांस टैक्स 3.87% बढ़कर 1,55,533 करोड़ रुपए हो गया है। इसमें कॉरपोरेट टैक्स का योगदान 1,21,604 करोड़ रुपए रहा, जो करीब 6% की वृद्धि दर्शाता है। हालांकि, नॉन-कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में 2.68% की गिरावट आई है और यह घटकर 33,928 करोड़ रुपए रह गया है।