इनकम टैक्स विभाग भेज रहा 2 रुपए वसूली के कर नोटिस

Edited By Updated: 22 Feb, 2020 11:28 AM

income tax department is sending tax notice for recovery of 2 rupees

इनकम टैक्स विभाग की ओर से 2 रुपए का भुगतान करने का नोटिस भेजा जाना आपको भले ही अजीब लग सकता है लेकिन हाल के दिनों में कई कारोबारियों को इस तरह के नोटिस मिले हैं। असल में वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) रिटर्न देरी से भरने को लेकर ब्याज भुगतान के लिए

नई दिल्लीः इनकम टैक्स विभाग की ओर से 2 रुपए का भुगतान करने का नोटिस भेजा जाना आपको भले ही अजीब लग सकता है लेकिन हाल के दिनों में कई कारोबारियों को इस तरह के नोटिस मिले हैं। असल में वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) रिटर्न देरी से भरने को लेकर ब्याज भुगतान के लिए कम्पनी को इस तरह की छोटी राशि के लिए भी नोटिस भेजे जा रहे हैं। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.आई.सी.) ने जी.एस.टी. ब्याज मद में बकाया 46,000 करोड़ रुपए की वसूली को लेकर निर्देश मिलने के बाद क्षेत्रीय अधिकारी इन दिनों वसूली का नोटिस भेजने में व्यस्त हैं और कुछ मामलों में तो 10 रुपए से भी कम का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजे गए हैं।

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इक्विटी इन्फॉर्मेशन सेवा से जुड़े एक ग्राहक को 5 रुपए की ब्याज राशि जमा कराने को कहा गया है वहीं एक अन्य से 2 रुपए का बकाया मांगा गया है। वित्त वर्ष 2020 में जी.एस.टी. संग्रह के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग ब्याज मद में बकाया राशि को वसूलने में सख्ती दिखा रहा है। अप्रैल से जनवरी के दौरान केन्द्रीय जी.एस.टी. संग्रह 10.4 प्रतिशत बढ़ा है जबकि पूरे वित्त वर्ष के संशोधित लक्ष्य को हासिल करने के लिए बाकी बचे 2 महीने में कर संग्रह 21 प्रतिशत बढऩा चाहिए। 

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विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी मामूली राशि के लिए नोटिस जारी करना कारोबारी सुगमता की बजाय कर आतंकवाद को बढ़ावा देने की तरह है। तय समय पर रिटर्न नहीं भरने पर केन्द्रीय जी.एस.टी. के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 100 रुपए और राज्य जी.एस.टी. के लिए भी इतनी ही राशि का विलंब शुल्क वसूला जाता है। इसके साथ ही इस पर 18 प्रतिशत का ब्याज भी वसूला जाता है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि करदाता अपनी देनदारी के एक हिस्से का नकद भुगतान कर सकते हैं शेष इनपुट टैक्स क्रैडिट में समायोजित करा सकते हैं। 

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कारोबारियों के बीच बनेगी नकारात्मक धारणा
ए.एम.आर.जी. एसोसिएट के पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि मामूली रकम के लिए कर नोटिस जारी करने से कर आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा, वहीं कारोबारियों के बीच नकारात्मक धारणा बनेगी। सी.बी.आई.सी. ने 10 फरवरी को लिखे पत्र में क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा है कि वह ब्याज देनदारी नहीं चुकाने वालों से उसकी वसूली की प्रक्रिया शुरू करें। हालांकि इसमें स्पष्टता नहीं है कि ब्याज सकल कर देनदारी पर वसूली जाएगी या शुद्ध नकद देनदारी पर। डेलॉयट इंडिया के एम.एस. मणि ने कहा कि अगर कर अधिकारी द्वारा केवल शुद्ध देनदारी पर ब्याज वसूली के स्पष्ट निर्देश दिए जाते हैं तो कारोबारी इसका स्वागत करेंगे।

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