Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Nov, 2025 11:14 AM

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत डेयरी, कृषि और एमएसएमई जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की रक्षा सभी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में करता रहा है और इस पर कोई भी समझौता नहीं करेगा। गोयल ने यह भी कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच...
ऑकलैंडः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत डेयरी, कृषि और एमएसएमई जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की रक्षा सभी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में करता रहा है और इस पर कोई भी समझौता नहीं करेगा। गोयल ने यह भी कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इस समय दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी चौथे दौर की बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "भारत डेयरी, किसानों और एमएसएमई के हितों से कभी भी समझौता नहीं करता है। हम हमेशा इन संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की सुरक्षा करते हैं।"
न्यूजीलैंड विश्व का प्रमुख डेयरी उत्पादक देश है, और ऐसे में इस क्षेत्र में बाजार पहुंच बढ़ाने की उसकी मांग को लेकर भारत की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जा रही है। न्यूजीलैंड की चार दिन की आधिकारिक यात्रा पर वेलिंगटन पहुंचे गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि दोनों देशों ने व्यापार समझौते में एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करने पर सहमति जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी या कृषि क्षेत्र में साझेदार देश को शुल्क रियायत नहीं दी है। उन्होंने कहा, "हम ऐसे मुद्दों को नहीं छूते हैं। हम एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं।'' वार्ता के अगले चरणों को लेकर पूछे गए सवाल पर वाणिज्य मंत्री ने कहा, "हो सकता है कि हमें बहुत अधिक चरणों की जरूरत न पड़े। इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति पहले ही हो चुकी है। व्यापार समझौते की दिशा में ठोस चर्चा चल रही है।"
हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि भारत कृषि प्रौद्योगिकी, खासकर डेयरी मशीनरी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसर देख सकता है। गोयल ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और व्यापार मंत्री टॉड मैकक्ले से मुलाकात में भी व्यापार समझौते से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की। लक्सन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि दोनों देश ऐसा व्यापार समझौता कर रहे हैं जो न्यूजीलैंड की कंपनियों को भारतीय बाजार में बड़े अवसर देगा। गोयल ने संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, “हम दोनों देशों के पारस्परिक हितों की रक्षा करने वाला एक अच्छा समझौता करेंगे। यह सौदा जल्दबाजी में नहीं, बल्कि सभी संवेदनशील मुद्दों पर विचार के बाद होगा।” उन्होंने कहा कि रक्षा, कृषि, अंतरिक्ष, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में भारत-न्यूजीलैंड के बीच सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं। सेवाओं के संदर्भ में गोयल ने स्पष्ट किया कि एफटीए में सेवाओं पर भी एक अध्याय होगा जिसमें कुशल पेशेवरों की आवाजाही, इंटर्नशिप, प्रशिक्षण और शैक्षणिक आदान-प्रदान जैसी व्यवस्थाएं होंगी लेकिन स्थायी आव्रजन उसके दायरे में नहीं आता है।
इसके साथ ही गोयल ने कहा, "हर देश के साथ समझौता उसकी आर्थिक क्षमता और आकार को देखते हुए किया जाता है। यूरोपीय संघ या आसियान देशों के साथ हुई बातचीत न्यूजीलैंड जैसे देश के लिए मानक नहीं हो सकती है।" इसके साथ ही गोयल ने कहा कि किसी समझौते को जल्दबाजी में अंतिम रूप नहीं देना चाहिए क्योंकि इससे गलतियां हो सकती हैं। न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री मैकक्ले ने कहा कि दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है और अब दोनों सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे व्यवसायों के बीच मजबूत संबंध सुनिश्चित करें। मैकक्ले ने कहा, “हर व्यापार वार्ता में चुनौतियां होती हैं, लेकिन गोयल और मैंने तय किया है कि हमारे अधिकारी आपस में बहस करने के बजाय समाधान खोजें। अब तक हमने शानदार प्रगति की है।”