Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jul, 2025 04:27 PM

भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में मजबूत घरेलू मांग से 6.4-6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष राजीव मेमानी ने बृहस्पतिवार को यह संभावना जताई। सीआईआई...
बिजनेस डेस्कः भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में मजबूत घरेलू मांग से 6.4-6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष राजीव मेमानी ने बृहस्पतिवार को यह संभावना जताई। सीआईआई के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के बाद मेमानी ने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अच्छे मानसून का अनुमान और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) एवं रेपो दर में कटौती से बढ़ी हुई तरलता जैसे कारक देश की आर्थिक वृद्धि का समर्थन करेंगे। पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सीआरआर में एक प्रतिशत कटौती की घोषणा करने के साथ मानक ब्याज दर रेपो में भी 0.50 प्रतिशत की कमी कर इसे 5.50 प्रतिशत कर दिया था।
वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के बारे में सीआईआई के पूर्वानुमान पर पूछे गए सवाल पर मेमानी ने कहा, ‘‘हमें भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.4 से 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।'' हालांकि, उन्होंने कहा कि इस वृद्धि की राह में कुछ स्पष्ट जोखिम हैं जिनमें से कुछ बाहरी व्यापार जोखिमों से संबंधित हैं। मेमानी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उनमें से बहुत से कारकों को अपने आकलन में शामिल किया गया है और कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं। इसलिए उम्मीद है कि वे संतुलित हो जाएंगे... सीआईआई के नजरिये से देखें तो हम 6.4 से 6.7 प्रतिशत की वृद्धि देख रहे हैं।''
उन्होंने एक प्रस्तुति में कहा कि आर्थिक वृद्धि से जुड़े जोखिम समान रूप से संतुलित हैं। सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए ‘भू-राजनीतिक अनिश्चितता' नकारात्मक जोखिम पैदा करती है जबकि 'मजबूत घरेलू मांग' इसका सकारात्मक पहलू है।