भारत में 2026 में मुद्रास्फीति का स्तर कम रहने का अनुमान, नई सीपीआई श्रृंखला का इंतजार

Edited By Updated: 30 Dec, 2025 01:36 PM

inflation in india is projected to remain low in 2026 awaiting the new cpi seri

देश में 2025 में खाद्य कीमतों में नरमी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती से महंगाई नियंत्रित रही। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत 2026 में खुदरा महंगाई को लक्ष्य बनाने वाले मौद्रिक नीति ढांचे में बदलाव और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की...

बिजनेस डेस्कः देश में 2025 में खाद्य कीमतों में नरमी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती से महंगाई नियंत्रित रही। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत 2026 में खुदरा महंगाई को लक्ष्य बनाने वाले मौद्रिक नीति ढांचे में बदलाव और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की गणना की पद्धति में संशोधन की तैयारी कर रहा है।

CPI आधारित खुदरा महंगाई दर 2025 में भारतीय रिजर्व बैंक के सहज दायरे (2–6 प्रतिशत) के भीतर रही और अगले वर्ष भी इसी स्तर पर रहने की संभावना है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कम से कम एक और कटौती कर सकता है।

खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के अलावा, सरकार द्वारा सितंबर में करीब 400 वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी में कटौती भी महंगाई को नियंत्रित करने में सहायक रही। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति दर ने भी 2025 में महंगाई के दबाव में नरमी के संकेत दिए। वर्ष के आरंभ में WPI महंगाई बढ़ी लेकिन जून तक इसमें लगातार गिरावट आई, जो खाद्य और ईंधन श्रेणियों में कीमतों के दबाव में कमी को दर्शाती है।

CPI में लगभग 48 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली खाद्य महंगाई जनवरी में छह प्रतिशत से घटकर जून में शून्य से नीचे चली गई। नवंबर 2025 में खाद्य महंगाई शून्य से नीचे 3.91 प्रतिशत रही। सरकार फरवरी 2026 तक नई CPI श्रृंखला (आधार वर्ष 2024=100) जारी करने की तैयारी कर रही है। इसमें सूचकांक संकलन में प्रयुक्त ‘कवरेज', मदों की सूची, भार और कार्यप्रणाली में व्यापक संशोधन होगा। यह अभ्यास मुद्रास्फीति के आंकड़ों की विश्वसनीयता और सटीकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि 2026-27 की पहली छमाही में शीर्ष मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के करीब रहने का अनुमान है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि नया CPI और उसकी संरचना 2026 में मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को प्रभावित करेगी।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि इस साल CPI और WPI दोनों ने उम्मीद से कम आंकड़े दिखाए, जिससे आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती का अवसर मिला। 2026-27 में उपभोक्ता मुद्रास्फीति बढ़कर लगभग पांच प्रतिशत होने की संभावना है, मुख्य कारण बेस इफेक्ट है, जबकि ब्याज दरें 5.25 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक 2025-26 के लिए अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक 4–6 फरवरी 2026 को आयोजित करेगा।
 

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