Paytm: KYC में खामी, मनी लॉन्ड्रिंग की चिंता के चलते RBI ने लगाया बैंक पर बैन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Feb, 2024 10:41 AM

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पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ इस हफ्ते की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कार्रवाई अपने ग्राहक को जानें (KYC) नियमों के व्यापक तौर पर उल्लंघन से धनशोधन (Money Laundering) की चिंता को देखते हुए की गई थी। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।

बिजनेस डेस्कः पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ इस हफ्ते की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की कार्रवाई अपने ग्राहक को जानें (KYC) नियमों के व्यापक तौर पर उल्लंघन से धनशोधन (Money Laundering) की चिंता को देखते हुए की गई थी। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।

सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तक समूह One97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक से दूरी नहीं बनाए रखने, प्रवर्तकों के भुगतान का खुलासा नहीं करने, अनुपालन के बारे में गलत जानकारी देने और अनुपालन तथा पारदर्शिता की अनदेखी करने को लेकर चिंता थी जिसके परिणामस्वरूप नियामक ने यह कार्रवाई की है।

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बैंकिंग नियामक ने बीते बुधवार को कहा था कि Paytm Payments Bank 1 मार्च से जमा या ऋण उत्पादों का लेनदेन (deposits and fund transfer) नहीं कर पाएगा।

लाखों खाते चल रहे थे बिना KYC 

दो साल पहले मार्च 2022 में आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर नए ग्राहक बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों के अनुसार KYC प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जो ग्राहकों तथा उनके जमा पर जोखिम हो सकता है। लाखों की संख्या में ऐसे खाते थे जो बिना KYC के चल रहे थे। इसी तरह लाखों खातों के स्थायी खाता संख्या (PAN) का सत्यापन नहीं हुआ था और हजारों ऐसे मामले पाए गए जिसमें एक पैन से 100 से ज्यादा और कुछ मामलों में हजार तक ग्राहक जुड़े थे। इस तरह के खातों से करोड़ों रुपए का लेनदेन किया गया था।

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सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा न्यूनतम KYC वाले प्री-पेड माध्यम (pre-paid instruments) से लेनदेन किए गए थे जो नियामक की सीमा से परे थे और इससे धनशोधन की चिंता खड़ी हो रही थी। जांच में बड़ी संख्या में निष्क्रिय खाते (dormant accounts) भी पाए गए जिनका इस्तेमाल छद्म खातों (mule accounts) के तौर पर किया जा सकता है। KYC प्रक्रिया में खामी और निगरानी तंत्र में पारदर्शिता के अभाव से धनशोधन संबंधित चिंताएं बढ़ गईं। कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने डिजिटल धोखाधड़ी के संदिग्ध लाखों खाते और वॉलेट (wallet) भी जब्त किए हैं।

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सूत्रों ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक का वित्तीय और गैर-वित्तीय कारोबार का प्रबंधन इसकी प्रवर्तक समूह की कंपनियों द्वारा किया जाता था, जो लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन है। यह पाया गया कि Paytm Payments Bank पूरी तरह से OCL के आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर था और इसका अलग से परिचालन यानी ऑपरेशन नहीं हो रहा था। कई लेनदेन OCL के स्वामित्व वाले ऐप्लिकेशन के जरिये पूरे होते थे जो डेटा गोपनीयता और डेटा साझा करने को लेकर गंभीर चिंता खड़ा करता है।

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प्रमोटर या समूह की कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए होते थे समझौते 

कई मामलों में बैंक द्वारा अनुपालन के लिए दी गई प्रस्तुतियां नियामक के पर्यवेक्षण में बाहरी ऑडिटरों की जांच में फर्जी पाई गईं। यह भी देखा गया कि Paytm Payments Bank समूह के अंदर और संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन का खुलासा नहीं करता था। इसके साथ ही समझौते अक्सर प्रमोटर या समूह की कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए होते थे जो स्पष्ट रूप से बैंक और उसके ग्राहकों के लिए नुकसानदायक होता था।

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सूत्रों ने कहा कि कंपनी के कार्य नियामकीय मानकों और अनुपालन आवश्यकता की पूरी तरह से अनदेखी करने का संकेत देते हैं और पारदर्शिता के सिद्धांत के प्रति समूह की प्रतिबद्धता को लेकर चिंता पैदा करते हैं।

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ‘आरबीआई का हालिया दिशानिर्देश पर्यवेक्षण और अनुपालन प्रक्रिया (supervisory engagement and compliance process) का हिस्सा है। बैंक हमेशा से ही अनुपालन और पर्यवेक्षण निर्देशों का पालन करता रहा है। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप 31 जनवरी की RBI की प्रेस विज्ञप्ति से मार्गदर्शन लें और कोई अन्य अटकल न लगाएं।’
 

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