Edited By ,Updated: 12 Aug, 2016 12:27 PM
अनधिकृत इलैक्ट्रानिक बैंकिंग लेन-देन के बढ़ते मामलों के बीच रिजर्व बैंक ने आज प्रस्ताव किया कि यदि धोखाधड़ी बैंक की लापरवाही की वजह से होती है
मुंबई: अनधिकृत इलैक्ट्रानिक बैंकिंग लेन-देन के बढ़ते मामलों के बीच रिजर्व बैंक ने आज प्रस्ताव किया कि यदि धोखाधड़ी बैंक की लापरवाही की वजह से होती है तो इसके लिए उपभोक्ता पर शून्य देनदारी होगी। रिजर्व बैंक के उपभोक्ता संरक्षण-अनधिकृत इलैक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेन-देन में उपभोक्ताओं की सीमित देनदारी पर एक मसौदे में कहा गया है कि यदि किसी मामले में ग्राहक के शामिल होने की बात पुष्ट होती है तो इसके लिए उपभोक्ता की देनदारी बनेगी।
इसी तरह एेसे मामले जहां ग्राहक के शामिल होने की स्पष्ट तौर पर पुष्टि नहीं होती है तो उपभोक्ता द्वारा इसकी सूचना 4 से 7 कार्यदिवसों में देने पर उसकी देनदारी अधिकतम 5,000 रुपए तक सीमित रहेगी। यदि उपभोक्ता द्वारा इसकी सूचना 7 कार्यदिवसों के बाद दी जाती है तो उपभोक्ता की देनदारी बैंक बोर्ड की मंजूर नीति से तय की जाएगी।