Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Dec, 2025 05:17 PM

भारत की एक छोटी और लगभग अनसुनी कंपनी ने शेयर बाजार में तहलका मचा दिया है, जिसने निवेशकों से लेकर नियामकों तक को चौंका दिया है। RRP Semiconductor Ltd. बीते 20 महीनों में इसके शेयरों में 55,000% से ज्यादा की बेतहाशा तेजी दर्ज की गई है,
बिजनेस डेस्कः भारत की एक छोटी और लगभग अनसुनी कंपनी ने शेयर बाजार में तहलका मचा दिया है, जिसने निवेशकों से लेकर नियामकों तक को चौंका दिया है। RRP Semiconductor Ltd. बीते 20 महीनों में इसके शेयरों में 55,000% से ज्यादा की बेतहाशा तेजी दर्ज की गई है, जो वैश्विक स्तर पर भी बेहद दुर्लभ मानी जा रही है। इस असाधारण उछाल ने निवेशकों और नियामकों—दोनों को हैरानी में डाल दिया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि कंपनी के ताजा वित्तीय नतीजे घाटे में हैं। सितंबर तिमाही में कंपनी ने ₹6.82 करोड़ का निगेटिव रेवेन्यू और ₹7.15 करोड़ का शुद्ध घाटा दर्ज किया। खुद कंपनी स्वीकार कर चुकी है कि उसके पास केवल दो फुल-टाइम कर्मचारी हैं और उसने अभी तक सेमीकंडक्टर (चिप) मैन्युफैक्चरिंग शुरू भी नहीं की है।
दरअसल, RRP ने 2024 की शुरुआत में रियल एस्टेट कारोबार छोड़कर खुद को सेमीकंडक्टर सेक्टर से जोड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद सोशल मीडिया चर्चाओं, बेहद कम फ्री-फ्लोट शेयरों और रिटेल निवेशकों की भारी दिलचस्पी ने इस स्टॉक को आसमान पर पहुंचा दिया। हालात ऐसे रहे कि शेयर लगातार 149 बार अपर सर्किट में बंद हुआ।
सेबी की सख्ती
इतनी तेज तेजी के बावजूद कंपनी और एक्सचेंज निवेशकों को लगातार सावधान करते रहे। अब सेबी ने शेयर की कीमतों में आई असामान्य तेजी की जांच शुरू कर दी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सचेंज ने RRP के शेयरों को हफ्ते में केवल एक दिन ट्रेडिंग की अनुमति दी है। 7 नवंबर को ऑल-टाइम हाई पर पहुंचने के बाद से शेयर करीब 6% टूट चुका है।
फ्री-फ्लोट बेहद सीमित
जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि कंपनी के लगभग 98% शेयर एक ही व्यक्ति—राजेंद्र चोडणकर—और उनके करीबी सहयोगियों के पास हैं। ये लोग RRP से जुड़ी अन्य कंपनियों—RRP Defense, RRP Electronics और RRP S4E Innovation—से भी जुड़े बताए जाते हैं।
पुराने विवाद भी सामने
सेबी के सितंबर 2024 के रिमाइंडर में बताया गया था कि RRP का संबंध श्री विंध्य पेपर मिल्स के फाउंडर ग्रुप से रहा है, जिसे 2017 में नियमों के उल्लंघन के कारण डीलिस्ट किया गया था और उस पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया गया था।
अफवाहों से दूरी
कंपनी ने सचिन तेंदुलकर से जुड़ाव और सरकारी जमीन मिलने जैसी अफवाहों को खारिज करते हुए एक सोशल-मीडिया इन्फ्लुएंसर के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। 3 नवंबर को एक्सचेंज को दी गई सूचना में RRP ने साफ किया कि उसने किसी सरकारी सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन नहीं किया है।
AI और सेमीकंडक्टर सेक्टर को लेकर चल रहे क्रेज के बीच RRP Semiconductor का मामला एक बार फिर इस सवाल को जन्म देता है—क्या हर तेजी असली ग्रोथ की कहानी होती है या कहीं यह सिर्फ बुलबुला तो नहीं?