Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Sep, 2025 12:08 PM

सितंबर 2025 भारतीय IPO बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। मुख्य बोर्ड और एसएमई प्लेटफॉर्म मिलाकर इस महीने तीन दशक में सबसे ज्यादा IPO आए हैं। सितंबर अंत तक मुख्य बोर्ड पर 25 IPO पूरे हो जाएंगे। यह जनवरी 1997 के बाद किसी भी महीने में सबसे बड़ी...
बिजनेस डेस्कः सितंबर 2025 भारतीय IPO बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। मुख्य बोर्ड और एसएमई प्लेटफॉर्म मिलाकर इस महीने तीन दशक में सबसे ज्यादा IPO आए हैं। सितंबर अंत तक मुख्य बोर्ड पर 25 IPO पूरे हो जाएंगे। यह जनवरी 1997 के बाद किसी भी महीने में सबसे बड़ी संख्या है।
SME प्लेटफॉर्म पर रिकॉर्ड
एसएमई सेगमेंट में भी 56 IPO आए, जो 2012 में इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत के बाद अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। अधिकतर गतिविधियां स्मॉलकैप सेगमेंट में केंद्रित रहीं। मुख्य बोर्ड IPO का औसत आकार लगभग ₹530 करोड़ रहा।
IPO बाढ़ के कारण
- मार्च से मई के बीच सुस्ती रही लेकिन 30 सितंबर की नियामकीय समय सीमा से पहले कंपनियों ने पूंजी जुटाने की प्रक्रिया तेज की।
- दूसरी छमाही की फंडिंग योजनाओं और लिस्टिंग के बाद मजबूत प्रदर्शन ने कंपनियों को IPO लाने के लिए प्रेरित किया।
- घरेलू नकदी प्रवाह और रिटेल निवेशकों की मजबूत भागीदारी ने बाजार को सहारा दिया।
आगे की स्थिति
- फिलहाल 70 कंपनियां सेबी की मंजूरी के साथ 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक जुटाने की तैयारी कर रही हैं।
- इसके अलावा 90 कंपनियां अनुमानित 1.6 लाख करोड़ रुपए के IPO के लिए सेबी की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।
- बड़े आकार के IPO जैसे टाटा कैपिटल, ग्रो और एलजी अगले महीने आ सकते हैं।
सेकंडरी बनाम प्राइमरी मार्केट
जहां सेकंडरी बाजार विदेशी निवेशकों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी से दबाव में है, वहीं प्राइमरी बाजार रिटेल निवेशकों के भरोसे चमक रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि IPO का रुझान आगे भी मजबूत रह सकता है।
2024 का रिकॉर्ड बनाम 2025
2024 में कंपनियों ने IPO के जरिए रिकॉर्ड ₹1.6 लाख करोड़ जुटाए थे। इस साल उस रिकॉर्ड को पार करने के लिए अगले तीन महीनों में करीब ₹74,000 करोड़ जुटाने की जरूरत होगी।