सुप्रीम कोर्ट ने दिया आम्रपाली ग्रुप की 16 प्रॉपर्टी बेचने का ऑर्डर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Sep, 2018 11:37 AM

supreme court gives order to sell 16 properties of amrapali group

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम्रपाली ग्रुप को कड़ा झटकी देते हुए 16 प्रॉपर्टीज को बेचने का ऑर्डर जारी किया, जिन्हें गिरवी नहीं रखा गया है। अदालत ने इसके साथ ही कंपनी के डायरेक्टरों की निजी संपत्ति भी जब्त करने का ऑर्डर जारी किया है।

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम्रपाली ग्रुप को कड़ा झटकी देते हुए 16 प्रॉपर्टीज को बेचने का ऑर्डर जारी किया, जिन्हें गिरवी नहीं रखा गया है। अदालत ने इसके साथ ही कंपनी के डायरेक्टरों की निजी संपत्ति भी जब्त करने का ऑर्डर जारी किया है। इन प्रॉपर्टीज को किस तरह बेचा जाएगा, इस बारे में फैसला बाद में किया जाएगा। 

PunjabKesariपिछले हलफनामे में आम्रपाली ने अदालत को बताया था कि उनके पास 2,535.56 करोड़ रुपए की 21 प्रॉपर्टी ऐसी हैं, जिन्हें गिरवी नहीं रखा गया है। कंपनी के सीएमडी अनिल कुमार शर्मा ने अपनी 32.73 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति का ब्योरा दिया है। हालांकि दूसरे डायरेक्टरों की पर्सनल प्रॉपर्टी के डिटेल अभी तक उपलब्ध नहीं हैं। 

PunjabKesariसुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टरों को पर्सनल ऐसेट और कंपनी की 3114 करोड़ रुपए की बिना गिरवी वाली प्रॉपर्टी के डिटेल के साथ हलफनामा देने के लिए चार दिन का वक्त दिया है। अदालत ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से कहा है कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली प्रॉपर्टीज के लिए कितना मैक्सिमम एफएआर तय है, वे उसकी भी डिटेल दें। अदालत ने उनसे वह चार्ज भी बताने के लिए कहा है जो वे ऐसे एडिशनल एरिया पर वसूल करेंगे। 

PunjabKesariआम्रपाली की प्रॉपर्टी की सेल से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल आधे-अधूरे रेजिडेंशियल प्रॉजेक्ट्स को पूरा करने में किया जाएगा। एनबीसीसी ने पिछली सुनवाई के दौरान अदालत में पेश रिपोर्ट में कहा था कि कैटेगरी ए, बी और सी कैटेगरी की 46,575 रेजिडेंशियल यूनिट्स को पूरा करने के लिए लगभग 8,500 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। उसने कहा था कि वह निर्माण कार्य पूरा करने के लिए अपनी जेब से एक पैसा नहीं लगाएगी और एग्रीमेंट के लिए पहले फंड जुटाएगी। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में ग्रुप की सभी कंपनियों का फोरेंसिक ऑर्डर करने के लिए भी कहा है। अदालत ने यह आदेश तब जारी किया, जब आम्रपाली के सीए ने पिछली सुनवाई में अदालत को सूचित किया था कि 29,960 करोड़ रुपये की रकम ग्रुप की दूसरी कंपनियों में डायवर्ट किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने निजी ऑडिट में भी पाया था कि ग्रुप को दिए गए कुछ फंड का डायवर्जन हुआ है। ग्रुप में फंड डायवर्जन की प्रकृति का खुलासा नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने उसके फोरेंसिक ऑडिट का ऑर्डर जारी किया। फंड डायवर्जन की तरफ अदालत का ध्यान सबसे पहले आम्रपाली के होम बायर्स के वकील ऐश्वर्य सिन्हा ने खींचा था। 

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