इन 20,000 लोगों को GST के जरिए मिलेगा कारोबार!

Edited By Updated: 28 Jun, 2017 07:20 PM

these 20 000 people will get business through gst

पेवल्र्ड के साथ ऑनलाइन पेमैंट बिजनैस में कदम रखने से पहले दशकों तक सुगल और दमानी ग्रुप का पूरा फोकस लॉटरी

नई दिल्ली: पेवल्र्ड के साथ ऑनलाइन पेमैंट बिजनैस में कदम रखने से पहले दशकों तक सुगल और दमानी ग्रुप का पूरा फोकस लॉटरी पर रहा लेकिन अब यह जी.एस.टी. सॢवस प्रोवाइडर (जी.एस.पी.) बन गया है जो जी.एस.टी. की वैबसाइट पर रजिस्ट्रेशन, इलैक्ट्रॉनिक इनवॉइस और फाइल अपलोडिंग आदि में कारोबारियों की मदद करेगा। यह ग्रुप अपना नैटवर्क  बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है। उधर पुणे का व्याना नैटवर्क  लघु एवं मध्यम उद्योगों (एस.एम.ईज) के साथ फंड जुटाने का काम कर रहा था। उसके पास टैक्स से जुड़े कामकाज का कोई अनुभव नहीं है। फिर भी यह जी.एस.पी. बन गया है और कम्पनियों, उनके वैंडरों के साथ-साथ छोटे एवं मध्यम उद्योगों से काम पाने की जुगत में है।

जी.एस.टी. ने जी.एस.पी. के अलावा एप्लीकेशन सॢवस प्रोवाइडर्स (ए.एस.पीज) जैसे संस्थानों को भी जन्म दिया है जो करदाताओं से प्राप्त खरीद-बिक्री के आंकड़ों को ऑनलाइन फाइङ्क्षलग के लिए जी.एस.टी. रिटन्र्स के रूप में इस्तेमाल करेंगे। जी.एस.टी. से 2 से 3 अरब डॉलर (13 से 20 हजार करोड़ रुपए) की इंडस्ट्री खड़ी हो रही है। इसमें सॉफ्टवेयर सॢवस प्रोवाइडर्स से लेकर ए.एस.पीज, जी.एस.पीज, चार्टर्ड अकाऊंटैंट्स (सी.एज) और कन्सल्टिंग फम्र्स शामिल हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पूरी इंडस्ट्री के कामकाज के तरीकों में आमूल-चूल बदलाव होने जा रहा है।

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