Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Oct, 2020 01:56 PM
लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार उनके लिए एक स्कीम लेकर आ रही है। अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत ईएसआईसी के साथ रजिस्टर्ड कामगारों को फायदा मिलेगा। अगर लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी चली गई थी
बिजनेस डेस्कः लॉकडाउन के दौरान नौकरी गंवाने वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार उनके लिए एक स्कीम लेकर आ रही है। अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना के तहत ईएसआईसी के साथ रजिस्टर्ड कामगारों को फायदा मिलेगा। अगर लॉकडाउन के दौरान उनकी नौकरी चली गई थी तो वे बेरोजगारी राहत के रूप में अपने वेतन के 50 फीसदी का क्लेम कर सकते हैं। वे केवल तीन महीने के लिए यह दावा कर सकते हैं।
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उन कामगारों को भी इसका फायदा मिलेगा जिन्हें फिर से नौकरी मिल गई है। ईएसआईसी इसके लिए 44 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करने जा रही है। जल्दी ही इस बारे में अधिसूचना जारी हो सकती है। लेबर मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक इस योजना को कोई खास तवज्जो नहीं मिली है लेकिन आने वाले दिनों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है। मंत्रालय इस योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार की योजना बना रहा है।
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किसे होगा फायदा
इस योजना के पीछे सरकार का मकसद उन लोगों को राहत देना है जिन्हें लॉकडाउन के कारण परेशानी झेलनी पड़ी थी। सूत्रों का कहना है कि इस योजना का फायदा उठाने के लिए फिजिकली डॉक्यूमेंट्स जमा करने पड़ेगे क्योंकि लाभार्थी आधार से नहीं जुड़े हैं। इस योजना का फायदा ईएसआईसी के उन सदस्यों को भी मिलेगी जो दिसंबर तक अपनी नौकरी गंवाते हैं।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यह योजना के तहत रोज करीब 400 क्लेम आ रहे हैं। ईएसआईसी और लेबर मिनिस्ट्री ने पिछले महीने इसका दायरा बढ़ाने का फैसला किया था। इसके तहत बेरोजगारी राहत को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी तक दिया गया था। लॉकडाउन के दौरान कई लोगों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी थी। यही वजह है कि सरकार ने बीमित कामगारों के लिए पात्रता की शर्तों में भी छूट दी थी।
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नियमों में छूट
पहले नियोक्ता के जरिए ही इस सुविधा का फायदा उठाया जा सकता था लेकिन अब कामगार ईएसआईसी के संबंधित ऑफिस जाकर खुद ही क्लेम ले सकता है। ईएसआईसी करीब 3.4 करोड़ परिवारों को मेडिकल कवर देता है और करीब 13.5 करोड़ लाभार्थी कैश बेनिफिट लेते हैं। सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत सरकार ने ईएसआईसी की सेवाओं को देश के सभी 740 जिलों में लागू करने का फैसला किया है। लेबर मिनिस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने आयुष्मान भारत स्कीम में शामिल अस्पतालों और थर्ड पार्टी सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ हाथ मिलाया है।