Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 30 Jan, 2023 08:36 PM

हरियाणा चौकसी ब्यूरो की जांच में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद में भर्तियों में पूर्व रजिस्ट्रार के खिलाफ गड़बड़ी के आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। पिछले दो वर्ष से चल रही भर्तियों की विजीलैंस जांच की रिपोर्ट राज्य चौकसी ब्यूरो (हरियाणा) ने आवश्यक...
चंडीगढ़,(पांडेय): हरियाणा चौकसी ब्यूरो की जांच में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद में भर्तियों में पूर्व रजिस्ट्रार के खिलाफ गड़बड़ी के आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं। पिछले दो वर्ष से चल रही भर्तियों की विजीलैंस जांच की रिपोर्ट राज्य चौकसी ब्यूरो (हरियाणा) ने आवश्यक अनुमोदन के बाद पिछले सप्ताह चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रणपाल सिंह को सौंप दी है। बताया गया कि राज्य चौकसी ब्यूरो को करीब चार वर्ष पहले विश्वविद्यालय में हुई स्थाई भर्तियों की जांच सौंपी गई थी। इनमें चालक के दो पद, क्लर्क कम डाटा एंट्री ऑप्रेटर के तीन पद, एसोसिएट प्रोफैसर इकोनॉमिक्स के दो पद, एसोसिएट प्रोफैसर फिजिकल एजुकेशन के दो पद, एसोसिएट प्रोफैसर फिजिक्स के दो पद, असिस्टैंट प्रोफैसर फिजिकल एजुकेशन के चार पद, असिस्टैंंट प्रोफैसर फिजिक्स के दो पद, असिस्टैंट प्रोफैसर इकोनॉमिक्स के दो पदों की भर्तियों की हरियाणा विजीलैंस विभाग द्वारा जांच करनी थी। इस रिपोर्ट के आने पर अब दोषी अधिकारियों पर एक्शन की तलवार लटक गई है।
भर्तियों में धांधली के लगाए गए थे आरोप
विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ शिक्षक द्वारा हरियाणा सरकार के उच्च अधिकारी को दी गई शिकायत तथा सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग की 3 सदस्यीय टीम द्वारा की गई जांच की गलतियों के कारण 15 फरवरी 2021 को चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार को कार्यकाल पूरा होने से पहले पदमुक्त कर दिया गया था। सरकार को अपने गलत निर्णय का इस रिपोर्ट से आभास हो गया है। फिजिकल एजुकेशन के एसोसिएट प्रोफैसर के साक्षात्कार के दौरान सिलैक्शन कमेटी के सदस्य डॉ. संदीप बेरवाल की ओर से कमेटी के अन्य सदस्यों पर आरोप लगाए गए थे, जिसमें मामले की सुर्खियां बनने पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा डॉ. संदीप बेरवाल को निलंबित कर दिया गया था। राज्य चौकसी ब्यूरो ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में पाया कि चालक के 2 पदों की भर्ती परीक्षा 11 जनवरी 2019 को होने की सूचना झूठी है। ऐसे में भर्ती और परीक्षा में 2 वर्ष के अंतराल का आरोप झूठा था और न ही भर्ती रोकने के किसी सरकारी आदेश के उल्लंघन की बात साबित हुई।
इसी प्रकार क्लर्क के 3 पदों की भर्ती में भी किसी अनियमितता के साक्ष्य नहीं मिले। उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट का भी राज्य चौकसी ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है, जिसमें सिलैक्शन कमेटी द्वारा शिक्षक एवं गैर-शिक्षक पदों पर की गई भर्ती में कोई चूक नहीं होने की बात कही गई है। विजीलैंस की जांच रिपोर्ट में फिजिक्स, इकोनॉमिक्स और फिजिकल एजुकेशन में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी एवं मैरिट के आधार पर सही बताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने भर्ती प्रक्रिया में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 17 मई 2017 के फैसले की अनुपालना की है, जिसके अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा दिए गए एकेडमिक अंकों को सिलैक्शन कमेटी के अनुसार पहले नहीं देख सकते।
इस मामले में उच्चतर शिक्षा निदेशक, हरियाणा सरकार ने चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति को अधीक्षक चौकसी -1 शाखा कृते मुख्य सचिव हरियाणा सरकार एवं महानिदेशक राज्य चौकसी ब्यूरो हरियाणा पंचकूला से प्राप्त जांच रिपोर्ट की प्रति भेजते हुए डॉ. संदीप बेरवाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करके विभाग को की गई कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है। साथ ही मुख्य सचिव हरियाणा सरकार चौकसी विभाग ने उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्यसचिव हरियाणा सरकार को पत्र भेजकर उच्चतर शिक्षा विभाग के 3 अधिकारियों के विरुद्ध हरियाणा सिविल सेवाएं दण्ड एवं अपील 2016 के नियम 7 के तहत कार्रवाई करने को कहा है।