सी.एम. की हरी झंडी मिलने के बाद शुरू होगी अधिकारियों की सुनवाई

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 14 Mar, 2023 10:06 PM

chief secretary janjua said now the matter is with the chief minister

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चूक में पंजाब सरकार द्वारा अभी तक भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने से केंद्र सरकार खफा है। 2 सप्ताह पहले ही केंद्र के गृह विभाग द्वारा राज्य सरकार से...

चंडीगढ़,(रमनजीत सिंह): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई सुरक्षा चूक में पंजाब सरकार द्वारा अभी तक भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने से केंद्र सरकार खफा है। 2 सप्ताह पहले ही केंद्र के गृह विभाग द्वारा राज्य सरकार से सुरक्षा चूक मामले में अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी गई है, जिसके बाद सरकार हरकत में आ गई है। मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा सेवामुक्त जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई वाली कमेटी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर प्रक्रिया शुरू करते हुए फाइल सी.एम. के पास भेज दी है। सी.एम. की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू होगी।
 

 

 

 

सी.एम. से अप्रूवल मिलने के बाद अधिकारियों को पक्ष जानने को बुलाया जाएगा
मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने बताया कि नियमों के मुताबिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और एक बार मुख्यमंत्री भगवंत मान की अप्रूवल मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों को उनका पक्ष जानने के लिए बुलाया जाएगा और उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा मांगी गई एक्शन टेकन रिपोर्ट संबंधी पूछने पर जंजुआ ने कहा कि एक्शन लेने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बारे में केंद्र सरकार को अवगत करवा दिया जाएगा और जब फाइनल एक्शन लिया जाएगा, उसकी भी सूचना जाहिर सी बात है केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला है और इस पर पूरी गंभीरता के साथ काम किया जा रहा है।
 

 

 

20 मिनट तक रूका रहा था पी.एम. का काफिला
ध्यान रहे कि 5 जनवरी 2022 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दौरे पर पंजाब आए थे और बङ्क्षठडा एयरपोर्ट पर उनका प्लेन लैंड किया था। वहां से उन्हें फिरोजपुर रैली स्थल के लिए हैलीकॉप्टर में जाना था लेकिन मौसम की खराबी के कारण उन्हें सड़क के रास्ते से ले जाया गया। इसी दौरान बङ्क्षठडा-फिरोजपुर के बीच एक गांव के नजदीक फ्लाईओवर पर प्रधानमंत्री की गाडिय़ों के काफिले को तकरीबन 20 मिनट रुके रहना पड़ा क्योंकि आगे किसानों द्वारा रास्ते पर प्रदर्शन किया जा रहा था, जो कि कृषि कानूनों के कारण प्रधानमंत्री का विरोध कर रहे थे।

 

 


सुरक्षा चूक के इस बड़े मामले की वजह से सियासी तूफान खड़ा हो गया था और इसी मामले पर चल रही राजनीति के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा सेवामुक्त जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में जांच कमेटी का गठन किया गया था जिसके द्वारा 25 अगस्त 2022 को सुरक्षा चूक में लापरवाही संबंधी रिपोर्ट सौंप दी गई थी। जानकारी के मुताबिक उक्त रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, डी.जी.पी. सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, ए.डी.जी.पी. कानून-व्यवस्था नरेश अरोड़ा, ए.डी.जी.पी. जी. नागेश्वर राव, आई.जी. राकेश अग्रवाल, डी.आई.जी. फिरोजपुर इंद्रबीर सिंह, डी.आई.जी. सुरजीत सिंह, एस.एस.पी. फिरोजपुर हरमनदीप हंस व मोगा के एस.एस.पी. चरनजीत सिंह सोहल के नाम शामिल किए गए थे और बताया गया था कि उक्त अधिकारियों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारी में क्या-क्या कोताही की।
 

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