सरल जीवनशैली: फर्टिलिटी क्षमता बढ़ाने में सप्लीमेंट्स, धूप और कम तनाव की भूमिका

Edited By Updated: 09 Jul, 2025 03:05 PM

simple lifestyle role of supplements less stress in increasing fertility

फर्टिलिटी सिर्फ़ शरीर की बनावट पर नहीं, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की आदतों पर भी निर्भर करती है—जैसे हम कैसे चलते-फिरते हैं, कितना आराम करते हैं, क्या खाते हैं और तनाव को कैसे संभालते हैं।

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। फर्टिलिटी सिर्फ़ शरीर की बनावट पर नहीं, बल्कि हमारी रोज़मर्रा की आदतों पर भी निर्भर करती है—जैसे हम कैसे चलते-फिरते हैं, कितना आराम करते हैं, क्या खाते हैं और तनाव को कैसे संभालते हैं। डॉ. राखी गोयल, फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट, बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, चंडीगढ़ ने बताया अक्सर, छोटे-छोटे बदलाव ही सबसे बड़ा असर दिखाते हैं—ये आदतें हमें बेहतर महसूस कराती हैं और कन्शेप्शन के लिए शरीर को स्वस्थ बनाती हैं।

जब हम 'फर्टिलिटी' शब्द सुनते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में क्लीनिकल इंटरवेंशंस आते हैं। लेकिन इससे परे, अपने शरीर की रिदम और रोज़ाना की ज़रूरतों को सुनना और समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। खानपान,  दिनचर्या और इमोशनल वेलनेस में छोटे छोटे असंतुलन हार्मोन के स्तर और रीप्रोडक्टिव फंक्शन को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि रोज़मर्रा के लाइफस्टाइल की छोटी-छोटी अच्छी आदतें खराब हुए बैलेंस को फिर से बहाल कर सकती हैं।

जब हम 'फर्टिलिटी' शब्द सुनते हैं, तो सबसे पहले दवाइयां और इलाज दिमाग में आते हैं। लेकिन इसके साथ-साथ यह भी जरूरी है कि हम अपने शरीर की हर दिन की ज़रूरतों और उसके स्वाभाविक रिदम को समझें। खाने-पीने की छोटी-छोटी गलतियां, दिनचर्या में बदलाव और इमोशनल वेलनेस हमारे हार्मोन और रीप्रोडक्टिव फंक्शन को प्रभावित कर सकते हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि रोज़मर्रा की छोटे-छोटे कदम इस बैलेंस को फिर से कायम कर सकती हैं।

सप्लीमेंट्स किस तरह से फर्टिलिटी क्षमता को बढ़ा सकते हैं
फर्टिलिटी हेल्थ को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका के रेफरेंस में कुछ न्यूट्रेंट्स को इस तरह से समझा जा सकता है:

•    फोलिक एसिड: फीटस के शुरुआती विकास और न्यूरल ट्यूब दोषों से बचने के लिए आवश्यक
•    कोएंजाइम Q10 (CoQ10): ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके एग्स और स्पर्म की क्वालिटी को बढ़ाता है
•    विटामिन डी: आमतौर पर कमी, फिर भी महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्मोनल बैलेंस के लिए आवश्यक
•    आयरन और जिंक: ओव्यूलेशन और जनरल स्पर्म हेल्थ को बेहतर बनाने में सहायक
•    मेलाटोनिन: नींद को नियंत्रित करता है, जो हार्मोनल बैलेंस और फर्टिलिटी प्रोसेसेज से काफी अधिक संबंध रखता है

सनलाइट: एक प्राकृतिक फर्टिलिटी क्षमता बढ़ाने वाला 
रोज़ाना सनलाइट यानि धूप के संपर्क में आने से शरीर के विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है, जो फर्टिलिटी में का एक महत्वपूर्ण कम्पोनेंट है। सनलाइट सर्कैडियन रिदम, आपकी इंटर्नल बॉडी क्लॉक को कंट्रोल करने में भी सहायता करती है, जो हार्मोन के प्रोडक्शन और नींद की क्वालिटी को प्रभावित करती है। ये दोनों ही फर्टिलिटी प्रोसेसज के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

स्ट्रैस मैनेजमेंट यानि तनाव प्रबंधन क्यों आवश्यक है
क्रोनिक स्ट्रैस यानि लगातार तनाव हार्मोनल बैलेंस, पीरियड्स और स्पर्म प्रोडक्शन में बाधा डाल सकता है। ध्यान, योग, गहरी सांस लेना या नियमित रूप से कुछ ब्लॉक चलना जैसी आसान गतिविधियां तनाव को कंट्रोल कर सकती हैं। अच्छी नींद और अत्यधिक स्क्रीन टाइम (जरूरत से अधिक मोबाइल या टीवी आदि देखना) से बचना भी मानसिक और फर्टिलिटी हेल्थ जितना ही ही महत्वपूर्ण है। 

फर्टिलिटी-सपोर्टिव लिविंग: यह हमेशा छोटी-छोटी चीज़ों पर निर्भर करता है फर्टिलिटी-सपोर्टिव लाइफस्टाइल अपनाने के लिए कड़े उपायों की आवश्यकता नहीं होती है; इसके लिए छोटे, सोच-समझ कर अपनाए गए विकल्पों की आवश्यकता होती है जैसे कि पौष्टिक भोजन, अपने शरीर को हरकत में रखना, सुबह की धूप लेना, आराम को प्राथमिकता देना और तनाव को अपने से दूर रखना। 

एक्सपर्ट गाइडेंस और जेंटल कंसिसटेंसी से दम्पति सफल हो सकते हैं, चाहे वह नेचुरल प्रेगनेंसी हो या असिस्टेड फर्टिलिटी।

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