Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 May, 2025 03:25 PM
सरकार के ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने अपने 8वें स्थापना दिवस पर डिजिटल गवर्नेंस, समावेशी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत की है। इस खास अवसर पर GeM ने GeMAI लॉन्च किया भारत का पहला जनरेटिव AI-पावर्ड चैटबोट, जो सार्वजनिक सेवा में डिजिटल...
बिजनेस डेस्कः सरकार के ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने अपने 8वें स्थापना दिवस पर डिजिटल गवर्नेंस, समावेशी विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत की है। इस खास अवसर पर GeM ने GeMAI लॉन्च किया भारत का पहला जनरेटिव AI-पावर्ड चैटबोट, जो सार्वजनिक सेवा में डिजिटल क्रांति का प्रतीक बन गया है।
GeM के CEO मिठिर कुमार ने बताया कि यह प्लेटफॉर्म अब सिर्फ सरकारी खरीद का जरिया नहीं, बल्कि स्टार्टअप्स, महिला उद्यमियों, बुनकरों और लघु उद्योगों के लिए आर्थिक अवसरों का केंद्र बन गया है। वर्तमान में GeM पर 1.64 लाख से अधिक प्राथमिक खरीदार और 4.2 लाख से ज़्यादा सक्रिय विक्रेता हैं, जो 10,000 उत्पाद श्रेणियों और 330 सेवाओं की पेशकश करते हैं।
GeM ने 10 लाख से अधिक लघु और सूक्ष्म उद्यमों, 1.3 लाख कारीगरों, 1.84 लाख महिला उद्यमियों और 31,000 स्टार्टअप्स को मंच पर लाया है। इससे पारदर्शिता बढ़ी है और लागत में भी करीब 10% की बचत हुई है। 97% लेन-देन पर कोई लेन-देन शुल्क नहीं लगता, जबकि छोटे विक्रेताओं के लिए कैश डिपॉजिट भी 60% घटा दिया गया है।
GeM ने रक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण खरीद जैसे कि अक्ष मिसाइल प्रणाली के उपकरण और वैक्सीन खरीद में भी बड़ी भूमिका निभाई है। यह अब देश के सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सक्रिय है, जहां कई राज्यों ने इसका उपयोग अनिवार्य कर दिया है।
GeMAI चैटबोट दस भारतीय भाषाओं में आवाज़ और टेक्स्ट दोनों माध्यमों से सेवा प्रदान करता है, जो डिजिटल सार्वजनिक सेवा में नई क्रांति ला रहा है। साथ ही प्लेटफॉर्म ने वास्तविक समय में धोखाधड़ी रोकने के लिए उन्नत एनालिटिक्स भी अपनाई है। GeM का यह विकास भारत में सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, समावेशन और डिजिटलीकरण की नई मिसाल स्थापित कर रहा है।