Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Aug, 2022 11:40 AM
बादशाह अकबर के शाही दरबार की कार्रवाई स्थगित हो गई थी। सभी दरबारी और महाराज जाने ही वाले थे कि तभी एक सुरक्षाकर्मी भागता हुआ आया और बोला, ‘‘महाराज दक्षिण भारत से एक विद्वान पंडित
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Akbar and Birbal story: बादशाह अकबर के शाही दरबार की कार्रवाई स्थगित हो गई थी। सभी दरबारी और महाराज जाने ही वाले थे कि तभी एक सुरक्षाकर्मी भागता हुआ आया और बोला, ‘‘महाराज दक्षिण भारत से एक विद्वान पंडित अभी-अभी पधारे हैं, वह आपसे और बीरबल से तुरंत मिलने के उत्सुक हैं। वह इसी उद्देश्य से आगरा आए हैं।’’
‘‘इस प्रकार उन्हें प्रतीक्षा कराना उचित नहीं है, उन्हें तुरंत शाही दरबार में लाया जाए।’’ बादशाह ने आदेश दिया।
जैसे ही सुरक्षाकर्मी पंडित को लेने के लिए गया तो बादशाह बोले, ‘‘बीरबल, अब बहुत देर हो चुकी है और मैं बहुत थक गया हूं।
तुम ही विद्वान पंडित से मिल लो और पता करो कि वह यहां किस उद्देश्य से आए हैं?’’
बीरबल ने सर हिलाकर हामी भर दी। पंडित के आने पर दोनों ने एक-दूसरे को अभिवादन किया।
उन्होंने बीरबल से कहा, ‘‘बीरबल मैंने तुम्हारी बुद्धिमता के विषय में बहुत कुछ सुना है। मैं तुम्हारी परीक्षा लेना चाहता हूं। मुझे बताओ क्या मैं तुमसे 100 सरल प्रश्र पूछू या फिर 1 कठिन प्रश्न?’’
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बीरबल ने सोचा, ‘‘महाराज थक चुके हैं और विश्राम के लिए जा चुके हैं। 100 प्रश्नों का जवाब देने का समय नहीं है।’’
इसलिए बीरबल ने कहा, ‘‘पंडित जी, आप सिर्फ एक कठिन प्रश्र पूछिए।’’
पंडित ने कहा, ‘‘बीरबल बताओ धरती पर पहले क्या आया- मुर्गी या अंडा?’’
बीरबल ने तुरंत जवाब दिया, ‘‘मुर्गी पंडित जी।’’
वह बोले, ‘‘यह तुम कैसे कह सकते हो बीरबल ?’’
‘‘ओह और प्रश्न नहीं पंडित जी, आपने वायदा किया था कि केवल एक प्रश्र पूछेंगे, जो पूछा जा चुका है।’’ बीरबर ने कहा।
पंडित जी बीरबल की चालाकी समझ चुके थे। उन्होंने बीरबल की तारीफ की।