Edited By Sarita Thapa,Updated: 22 Dec, 2025 12:05 PM

पैरों की सुंदरता और भारतीय श्रृंगार परंपरा में अलता या महावर का एक विशेष स्थान है। लाल रंग की यह मनमोहक आभा न केवल पैरों को दिव्य रूप देती है, बल्कि इसे सौभाग्य और संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है।
Alta Tradition : पैरों की सुंदरता और भारतीय श्रृंगार परंपरा में अलता या महावर का एक विशेष स्थान है। लाल रंग की यह मनमोहक आभा न केवल पैरों को दिव्य रूप देती है, बल्कि इसे सौभाग्य और संपन्नता का प्रतीक भी माना जाता है। खासकर त्योहारों और मांगलिक अवसरों पर कुंवारी कन्याओं और सुहागिनों के पैरों में अलता की लाली अनिवार्य मानी गई है। परंतु, इस प्राचीन श्रृंगार विधि से कुछ कड़े नियम और धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं। आपने अक्सर घर की बड़ी-बुजुर्ग महिलाओं को टोकते हुए सुना होगा कि अविवाहित लड़कियां अलता लगाते समय अपनी एड़ियां न जोड़ें। यह सुनने में एक सामान्य सी बात लग सकती है, लेकिन इसके पीछे गहरे आध्यात्मिक संकेत, सांस्कृतिक विश्वास और कुछ व्यावहारिक कारण छिपे हैं। तो आइए जानते हैं अलता से जुड़े इस अनूठे रहस्य और इसके पीछे की धार्मिक मान्यताओं के बारे में-
अखंडता और भविष्य का संकेत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अलता लगाते समय एड़ियों को जोड़ना भविष्य में आने वाले वैवाहिक जीवन में बाधाओं का प्रतीक माना जाता है। बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि यदि कोई कुंवारी कन्या एड़ियां जोड़कर अलता लगाती है, तो यह उसके गृहस्थ जीवन की पूर्णता या सुख में रुकावट पैदा कर सकता है। इसलिए, एड़ियों के बीच दूरी रखना शुभ और निर्बाध भविष्य का प्रतीक माना जाता है।
देवी स्वरूप का सम्मान
हिंदू धर्म में अविवाहित कन्याओं को मां लक्ष्मी और मां दुर्गा का बाल स्वरूप माना जाता है। कन्या पूजन के समय भी उनके पैरों में अलता लगाया जाता है। परंपरा के अनुसार, देवी के चरणों को खुला और स्वतंत्र रखना चाहिए। एड़ियों को न जोड़ना उनकी स्वतंत्रता और उनके दिव्य स्वरूप के प्रति सम्मान व्यक्त करने का एक तरीका है।

सौभाग्य की रक्षा
लोक कथाओं के अनुसार, अलता की लाली सौभाग्य को आकर्षित करती है। ऐसी मान्यता है कि अलता लगाते समय पैर की बनावट को प्राकृतिक रखना चाहिए। एड़ियां जोड़ने से वह अखंड चक्र बन जाता है जो केवल विवाहित स्त्रियों के लिए नियत माना गया है, क्योंकि वे एक नए परिवार की नींव होती हैं।
व्यवहारिक और कलात्मक कारण
डिजाइन की स्पष्टता
यदि अलता लगाते समय एड़ियां जोड़ी जाएं, तो गीला रंग आपस में चिपक जाता है और डिजाइन खराब हो जाता है।
स्वच्छता
एड़ियां न जोड़ने से रंग सूखने तक पैरों की बनावट स्पष्ट रहती है और फर्श या कपड़ों पर रंग लगने का डर कम रहता है।

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