Edited By Jyoti,Updated: 21 Feb, 2021 04:58 PM
आदमी जात-पात, भेदभाव करता है, क्या वृक्ष ने भी कभी आदमी से भेदभाव किया है कि मैं इसके लिए फल दूं या उसको खाने के लिए फल दूं?
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आदमी जात-पात, भेदभाव करता है, क्या वृक्ष ने भी कभी आदमी से भेदभाव किया है कि मैं इसके लिए फल दूं या उसको खाने के लिए फल दूं? वृक्ष के नीचे जो भी आकर बैठ जाता है वृक्ष उसे ठंडी छांव भी देता और ठंडी हवा भी देता है। प्रेमी के करीब हमेशा भगवान रहते हैं। - अमरनाथ भल्ला, लुधियाना
भजन सुमिरन करने से ऊर्जा मिलती है जो प्रभा मंडल में फैल जाती है। जो कुछ आपके अंदर है उसको ताकत मिलनी शुरू हो जाती है। प्रभु सिमरन करने से शक्ति कवच बन जाता है। आपका मन दूसरों के प्रति अच्छा सोचने लगता है। - सुधांशु जी महाराज के अनमोल-वचन
तूफानों में किए गए वादे तूफान शांत होते ही भुला दिए जाते हैं। —तिरुवल्लुवर
पल भर की भावुकता मनुष्य को कहां से कहां ले जाती है। —जय शंकर प्रसाद —जगजीत सिंह भाटिया, नूरपुरबेदी
विश्वास और श्रद्धा जीवन में बड़े काम की चीजें हैं। प्रार्थना करने का नियम बना लें। आप प्रसन्न रहने लगेंगे। भजन-सुमिरन, माला करने से वे काम होने लगेंगे जो आज तक नहीं हुए। माला भगवान को मिलाने वाली सीढ़ी है।
मनुष्य की जिव्हा छोटी होती है परंतु वह बड़े-बड़े दोष कर बैठती है। —वेदव्यास
शांति चाहते हो तो शकुनि, मंथरा की तरह आग लगाने वालों को भूल जाओ। पति-पत्नी में कभी मन-मुटाव हो भी जाए तो इसे ल बा मत खींचो। एक-दूसरे को सम्मान दो। जल्दी सुलह कर लो, प्रात: का नाश्ता इकट्ठा करो।
जीभ पर लगा घाव बड़ी जल्दी ठीक हो जाता है परन्तु जीभ से किया घाव जल्दी ठीक नहीं होता। - अमरनाथ भल्ला, लुधियाना