मकान भी होते हैं हत्यारे

Edited By ,Updated: 28 Mar, 2015 12:22 PM

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पुराने जमाने के चर्चित किस्से कहानियों में खूनी हवेली, डाक बंगले इत्यादि का जिक्र जिस प्रकार किया जाता था। उसी प्रकार आजकल भी इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया खून से सनी हत्याओं की खबरों को उतनी ही प्रमुखता से प्रचारित करते हैं। इसी कारण जिस मकान में...

पुराने जमाने के चर्चित किस्से कहानियों में खूनी हवेली, डाक बंगले इत्यादि का जिक्र जिस प्रकार किया जाता था। उसी प्रकार आजकल भी इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया खून से सनी हत्याओं की खबरों को उतनी ही प्रमुखता से प्रचारित करते हैं। इसी कारण जिस मकान में हत्या होती है वह मकान भी पुरानी खूनी हवेली की तरह प्रसिद्धि पा लेता है। 

मकान का उत्तर ईशान के भाग का फर्श पश्चिम वाव्यय के फर्श से लगभग एक फीट नीचा है और वाव्यय की तुलना में नैऋत्य कोण एक फीट ओर अधिक नीचा है। मकान के अंदर का दक्षिण नैऋत्य का भाग उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा की तुलना में नीचा है। मकान के पूर्व ईशान में लगभग डेढ़ फीट ऊंचा भारतीय पद्धति का शौचालय है। घर में बाहर से ऊपर जाने के लिए उत्तर दिशा में पश्चिम वाव्यय से सिढ़िया बनी हुई हैं।

इसके अलावा घर के अंदर से भी दुकान में आने-जाने के लिए आग्नेय कोण में सिढ़िया हैं। इसी के सामने पश्चिम नैऋत्य में एक द्वार घर के अंदर जाने के लिए बना है। यह सभी महत्वपूर्ण वास्तुदोष मिलकर इस प्रकार दुखद घटना का कारण बने।

इस प्रकार कई मकान तो इतने ज्यादा मनहूस होते हैं कि जहां एक दो नहीं पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया जाता है क्योंकि ऐसे मकानों की बनावट में इतने गंभीर वास्तुदोष होते हैं कि उनसे उत्पन्न नकारात्मक ऊर्जा के कारण वहां पर हत्या जैसे जघन्य अपराध हो ही जाते है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि, आखिर उन मकानों में ऐसे कौन से दोष होते हैं जहां हत्याओं जैसी घटनाएं घटती हैं।

वास्तुशास्त्र में ऐसे मकानों के बारे में जानकारी दी गई है। जहां हत्याएं हुई है जब उन मकानों का वास्तु विश्लेषण करें तो निश्चित ही उन मकानों में हमें कुछ ऐसे वास्तुदोष मिलेगें जिनके कारण ही वहां पर हत्या हुई।

किसी भी हत्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे रंजिश, लड़ाई-झगड़ा, चोरी-डकैती के दौरान, धोखा, फरेब, लूटमार, प्रेमप्रसंग, चरित्रहीनता आदि। यह तय है कि जिस घर में हत्या होगी उस घर में निश्चित रूप से दो या दो से अधिक वास्तुदोष अवश्य होगें। यदि किसी के घर में केवल एक महत्वपूर्ण वास्तुदोष है तो उस घर में हादसे में केवल गंभीर चोट के योग ही बनते हैं परंतु किसी की मृत्यु नहीं हो सकती।

 हत्या किस कारण होगी यह निर्भर करता है कि उस घर में वास्तुदोष किस दिशा में किस प्रकार का है परंतु यह निश्चित है कि हत्या वाले घर का नैऋत्य कोण जरूर दोषपूर्ण होता है। 

जैसे नैऋत्य कोण में भूमिगत पानी की टंकी, कुआं, बोरवेल या किसी भी प्रकार से फर्श नीचा हो, या दक्षिण या पश्चिम नैऋत्य कोण बढ़ जाए। इस दोष के साथ यदि उस घर के पश्चिम नैऋत्य कोण में मुख्य द्वार हो या मार्ग प्रहार हो तो घर के पुरूष सदस्य की हत्या और यदि मुख्य द्वार या मार्ग प्रहार दक्षिण नैऋत्य कोण में हो तो उस घर की स्त्री की हत्या की संभवना बलवति हो जाती है। यह तो हुआ एक वास्तुदोष, हत्या वाले घरों में दूसरा वास्तुदोष ईशान कोण में भी होता है। जैसे ईशान कोण कट जाए, घट जाए, गोल हो जाए, ऊंचा हो, ऊंचा होकर वहां टायलेट हो या वह कमरे या शेड़ के कारण ढंक गया हो इत्यादि।

यदि किसी मकान के ईशान कोण की दीवार अंदर की ओर दब जाए जिस कारण आग्नेय कोण की दीवार आगे बढ़ जाए या मकान का आग्नेय कोण नैऋत्य कोण से ऊंचा और ईशान कोण की तुलना में नीचा हो जाए तो वहां लड़ाई-झगड़े के कारण रक्त रंजित जैसे गंभीर मारपीट, हत्या आदि की घटना घट जाती है।

यदि मकान का उत्तर वाव्यय कोण नैऋत्य कोण से ऊंचा और ईशान कोण की तुलना में नीचा हो जाए या ढंक जाए तो घर की किसी महिला सदस्य विशेषतौर पर कन्या संतान के साथ हत्या जैसा दुःखद हादसा हो सकता है और यदि मकान का पश्चिम वायव्य ढंक जाए तो पुरूष संतान के साथ हत्या की घटना घट सकती है।

यदि मकान का मुख्यद्वार दक्षिण में हो और प्लाट की पूर्व दिशा की हद तक निर्माण किया गया होे, पश्चिम दिशा में खाली जगह हो और यही पर भूमिगत पानी का स्त्रोत हो, साथ ही पूर्व-आग्नेय में मार्ग प्रहार हो, या पूर्व-आग्नेय बढ़ा हुआ हो तो वंश का विनाश होता है। इस प्रकार की बनावट वाले घर में ही पति पत्नी की या पत्नी पति की हत्या करती है।

मकान के दक्षिण नैऋत्य या पश्चिम-नैऋत्य में कम्पाऊण्ड वाल एवं घर का द्वार हो और साथ ही मकान का यह भाग किसी कारण नीचा हो और इसी के साथ आग्नेय कोण भी दोषपूर्ण हो तो ऐसे मकानों में शत्रुता के कारण हत्या होती है और यदि वायव्य कोण दोषपूर्ण हो तो प्रेम प्रसंग के कारण हत्या होती है। यह बिल्कुल निश्चित है कि जहां हत्या होती है वहां ईशान कोण एवं नैऋत्य कोण में वास्तुदोष तो होगा ही।

वह मकान जहां दो या दो से अधिक महत्वपूर्ण वास्तुदोष है जिसमें नैऋत्य कोण एवं ईशान कोण के साथ ही मकान का कोई दूसरा भाग भी वास्तुदोष युक्त हो तभी वहां निवास करने वाले किसी भी सदस्य की हत्या हो सकती है। ऐसे दोषपूर्ण घरों में निवास करने वालों को चाहिए कि वे अपने घर के वास्तुदोषों को शीघ्रता-शीघ्र दूर करें ताकि परिवार का कोई सदस्य हत्या का शिकार न हो।

- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा

thenebula2001@yahoo.co.in

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