Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Nov, 2025 08:25 AM

Badrinath Dham: बदरीनाथ धाम को तप, ध्यान और साधना के लिए अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। यहां कड़ाके की ठंड और भारी बर्फबारी के बावजूद कई साधु-संत गुफाओं और अपनी कुटियाओं में रहकर साधना में मग्न रहते हैं।
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Badrinath Dham: बदरीनाथ धाम को तप, ध्यान और साधना के लिए अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। यहां कड़ाके की ठंड और भारी बर्फबारी के बावजूद कई साधु-संत गुफाओं और अपनी कुटियाओं में रहकर साधना में मग्न रहते हैं। इस बार भी शीतकाल में धाम में रहने के लिए 20 लोगों ने आवेदन दिया है, जिनमें अधिकतर साधु-संत शामिल हैं। सामान्यतः मंदिर के कपाट बंद होने के बाद हनुमान चट्टी से आगे आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी जाती है क्योंकि छह महीनों तक पूरा क्षेत्र सेना, आई.टी.बी.पी और मंदिर समिति के जिम्मे रहता है।
अनुमति प्रक्रिया
शीतकाल में बदरीनाथ क्षेत्र में ठहरने के लिए ज्योतिर्मठ तहसील प्रशासन से विशेष अनुमति लेना अनिवार्य होता है। उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ के अनुसार, अब तक मिले 20 आवेदनों को पुलिस सत्यापन के लिए भेजा गया है। सम्बंधित व्यक्तियों की जांच और कागजात सही पाए जाने पर ही उन्हें धाम में रहने की अनुमति दी जाएगी। पिछले साल भी लगभग इतनी ही संख्या में साधुओं ने यहां ठहरने की अनुमति प्राप्त की थी।