खुल गए बद्रीनाथ के कपाट, भगवान विष्णु दर्शन देंगे साक्षात

Edited By Jyoti,Updated: 10 May, 2019 03:22 PM

badrinath temple

जैसे कि सब जानते ही हैं कि कल चार धामों में से केदारनाथ के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। तो वहीं बताया जा रहा था कि आज दूसरे प्रसिद्ध व पावन धाम बद्रीनाथ के कपाट

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जैसे कि सब जानते ही हैं कि कल चार धामों में से केदारनाथ के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। तो वहीं बताया जा रहा था कि आज दूसरे प्रसिद्ध व पावन धाम बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे, जो आज 4 बजकर 15 मिनट के शुभ मुहूर्त पर इसके द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। बता दें कि गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट भी खुल चुके हैं। इन सभी धामों के खुलते ही चार धाम की यात्रा आरंभ हो जाती है।
PunjabKesari, Badrinath Temple, बद्रीनाथ
पौराणिक मान्यता के अनुसार बदरीनाथ धाम में 6 माह मनुष्य और 6 माह देव पूजा होती है। कहा जाता है शीतकाल के दौरान यहां देवर्षि नारद यहां भगवान नारायण की पूजा करते हैं। यहा के लोगों द्वारा बताया जाता है कि इस दौरान भगवान बदरी विशाल के मंदिर में सुरक्षा कर्मियों के अलावा और कोई भी नहीं रहता। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष 20 नवंबर 2018 को कपाट बंद कर दिए गए थे और इसके साथ ही चार धाम यात्रा पर भी विराम लग गया था।
PunjabKesari, Badrinath Temple, बद्रीनाथ
शास्त्र में वर्णित कथाओं के अनुसार बद्रीनाथ पहले भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता था, लेकिन बाद में भगवान विष्णु इस जगह पर रहने लगे। कहा जाता है कि भगवान शिव और विष्णु न केवल एक दूसरे को बहुत मानते थे बल्कि दोनों एक दूसरे के अपना आराध्य मानते थे।

तो आइए जानते हैं आख़िर क्यों भगवान विष्णु की वजह से भोले शंकर को अपना निवास छोड़ना पड़ा-
PunjabKesari, Badrinath Temple, बद्रीनाथ
पौराणिक कथा के अनुसार, बद्रीनाथ धाम में भगवान शिव अपने परिवार के साथ निवास करते थे। एक बार की बात है विष्णु जी एक ऐसा ही एकांत स्थान खोज़ रहे थे जहां उनका ध्यान भंग न हो। तब उन्हें भगवान शिव का ये भव्य निवास स्थान पसंद आया।  इसे पाने के लिए तब भगवान विष्णु ने ऐसे तरकीब लगाई और छोटे से बच्चे का रूप लेकर वो ज़ोर-ज़ोर से रोने-रोने लगे। जिसे देखकर उन पर मां पार्वती बाहर आईं और उन्हें चुप करवाने की कोशिश की।

जिसके बाद उन्हें देवी पार्वती बच्चे को लेकर घर के भीतर जाने लगीं तो भोले शंकर को भगवान विष्णु की लीला समझ आ गई। उन्होंने माता पार्वती को मना किया लेकिन वे नहीं मानीं। मां पार्वती ने बच्चे को थपकी देकर सुला दिया। जब वह सो गया तो माता पार्वती घर से बाहर आ गईं।
PunjabKesari, Badrinath Temple, बद्रीनाथ
जिसके बाद बच्चे के भेष में आए श्री हरि ने दरवाज़े को अन्दर से बंद कर लिया और जब भगवान शिव वापस आए तो भगवान विष्णु ने उनसे बोले कि मुझे ध्यान के लिए ये जगह बहुत पसंद आ है। आप कृपा करके परिवार सहित केदारनाथ धाम प्रस्थान कर लीजिए। तभी से बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का लीलास्थल बना जबकि केदारनाथ भगवान शिव की भूमि बना।
 

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