Chaitra Navratri 1st Day: चैत्र नवरात्रि का पहला दिन आज, इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा

Edited By Updated: 29 Mar, 2025 02:00 PM

chaitra navratri 1st day

आज 30 मार्च को चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है। मां शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूपों में से पहले रूप के रूप में पूजा जाती हैं

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Chaitra Navratri 1st Day: आज 30 मार्च को चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है। मां शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूपों में से पहले रूप के रूप में पूजा जाती हैं और इनकी पूजा से सभी प्रकार की बाधाओं और संकटों का नाश होता है। मां शैलपुत्री का स्वरूप बहुत ही शांत, सुंदर और भक्तों को आशीर्वाद देने वाला है। उनका नाम शैलपुत्री इसलिये पड़ा क्योंकि वे पर्वत हिमालय की पुत्री हैं। उनकी पूजा करने से जीवन में समृद्धि, सुख, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

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मां शैलपुत्री की पूजा का महत्व:
मां शैलपुत्री की पूजा से मानसिक शांति मिलती है और जीवन के कठिनरास्तों पर चलने की शक्ति प्राप्त होती है। यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है, जो किसी प्रकार की मानसिक परेशानी, शारीरिक बीमारी,या किसी अन्य कठिनाई से जूझ रहे हैं। शैलपुत्री की पूजा करने से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। इसके अलावा, यह पूजा विशेष रूप से जीवन में सफलता प्राप्त करने, दुखों को दूर करने और जीवन में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए की जाती है।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि:

सबसे पहले पूजा करने के लिए एक स्वच्छ स्थान का चयन करें। यह स्थान घर के पूजा कमरे में या फिर कोई भी पवित्र स्थान हो सकता है।

वहां एक चौकी रखें और उस पर ताजे सफेद कपड़े को बिछाएं। सफेद रंग की विशेष महत्ता होती है क्योंकि यह शांति का प्रतीक है।

इसके बाद वहां देवी शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र रखें। यदि चित्र नहीं हो तो आप उनका नाम लेकर उनका ध्यान कर सकते हैं।

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शुद्धता का रखें ध्यान:
पूजा से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और मन को शुद्ध करें। पूजा के दौरान मानसिक शांति और एकाग्रता की आवश्यकता होती है इसलिए शरीर और मन दोनों को शुद्ध करना आवश्यक है। घर के पूजा स्थल की भी सफाई करें और वहां दीपक, धूपबत्ती, और फूल रखें।

मां शैलपुत्री का ध्यान:
पूजा स्थल पर दीपक जलाएं और धूपबत्ती का उपयोग करें। इसके बाद, देवी शैलपुत्री का ध्यान करें और उनके मंत्रों का उच्चारण करें। आप ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः मंत्र का जाप कर सकते हैं।

इन मंत्रों द्वारा मां शैलपुत्री को करें प्रसन्न

वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌।।
 
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:।
 
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

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 मां शैलपुत्री को अर्पित करें ये प्रसाद
आज के दिन मां शैलपुत्री के चरणों में गौघृत यानी गाय का घी अर्पित करना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा करता है उसका तन और मन दोनों स्वस्थ रहता है। इसी के साथ आज के दिन गाय का अखंड दीपक भी जलाना चाहिए।

मां को सफ़ेद रंग की वस्तुओं बेहद ही पसंद हैं। इसलिए उन्हें आज के दिन फेद या लाल रंग के पुष्प अर्पित करने चाहिए साथ में उन्हें गाय के दूध से बने पकवान का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से भक्तों की मनोकामनाएं जल्द ही पूर्ण हो जाती हैं।

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