Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Dec, 2025 09:09 AM

Adhik Maas 2026 Date, Significance, Rules: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। इस साल अधिकमास यानी मलमास लगने जा रहा है, जिसके कारण हिंदू नववर्ष 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का होगा। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा...
Adhik Maas 2026 Date, Significance, Rules: हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2026 धार्मिक दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। इस साल अधिकमास यानी मलमास लगने जा रहा है, जिसके कारण हिंदू नववर्ष 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का होगा। अधिकमास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है और यह भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए जानते हैं कि साल 2026 में अधिकमास कब लगेगा, इसका धार्मिक महत्व क्या है और इस दौरान कौन-से कार्य करने चाहिए और किनसे बचना चाहिए।

Adhik Maas 2026: क्यों खास है साल 2026?
हिंदू कैलेंडर चंद्रमा की गति पर आधारित होता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर सूर्य की गति पर। दोनों कैलेंडरों के बीच हर वर्ष लगभग 11 दिनों का अंतर आ जाता है। इसी अंतर को संतुलित करने के लिए लगभग हर तीन साल में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है, जिसे अधिकमास या मलमास कहा जाता है। साल 2026 में यही अतिरिक्त महीना जुड़ने के कारण हिंदू पंचांग के अनुसार यह वर्ष 13 महीनों का होगा, जो इसे धार्मिक रूप से विशेष बनाता है।
Adhik Maas Significance: क्यों लगता है अधिकमास या मलमास?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार:
चंद्र वर्ष की अवधि लगभग 354 दिन
सूर्य वर्ष की अवधि लगभग 365 दिन
हर साल करीब 11 दिनों का अंतर बढ़ता जाता है। लगभग 32 महीने और 16 दिन (करीब 3 साल) में यह अंतर एक पूरे महीने का हो जाता है। इसी अंतर को संतुलित करने और ऋतु चक्र को सही रखने के लिए पंचांग में एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है।

Adhik Maas 2026: मलमास से पुरुषोत्तम मास बनने की कथा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रारंभ में इस महीने को मलमास कहा जाता था और इसे अशुभ माना जाता था। कोई भी देवता इस महीने का स्वामी बनने को तैयार नहीं था। तब यह महीना भगवान विष्णु के पास गया। भगवान विष्णु ने इसे ‘पुरुषोत्तम’ नाम दिया और वरदान दिया कि इस महीने में की गई भक्ति, जप और साधना का फल कई गुना प्राप्त होगा। तभी से यह पुरुषोत्तम मास कहलाया और भगवान विष्णु इसके अधिपति बने।
Adhik Maas 2026 Date: 2026 में कब लगेगा अधिकमास ?
हिंदू पंचांग के अनुसार:
अधिकमास की शुरुआत: 17 मई 2026
अधिकमास का समापन: 15 जून 2026
इस अवधि में पहले दिन व्रत रखना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है।

Adhik Maas Do’s and Don’ts: मलमास में क्या करें और क्या न करें
मलमास में क्या करें
भगवान विष्णु की पूजा और आराधना
जप, तप, ध्यान और व्रत
दान-पुण्य और गौ-सेवा
रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ और दान
मलमास में क्या न करें
विवाह
गृह प्रवेश
मुंडन संस्कार
नामकरण और अन्य मांगलिक कार्य
मान्यता है कि इस दौरान किए गए मांगलिक कार्यों का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

Adhik Maas 2026: पुण्य प्राप्ति का विशेष समय
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, अधिकमास में एक दिन की पूजा सामान्य दिनों की 100 दिनों की पूजा के बराबर फल देती है। यही कारण है कि इसे आध्यात्मिक साधना और आत्मशुद्धि के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।
साल 2026 में आने वाला अधिकमास न केवल पंचांग की दृष्टि से बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह समय भगवान विष्णु की भक्ति, दान और साधना के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
