Edited By Rohini Oberoi,Updated: 26 Dec, 2025 08:46 AM

गुजरात का कच्छ जिला आज एक बार फिर भूकंप के झटकों से दहल उठा। शुक्रवार तड़के जब लोग गहरी नींद में थे तभी अचानक आए तेज झटकों ने सबको डरा दिया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक सुबह करीब 4:30 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4...
Earthquake: गुजरात का कच्छ जिला आज एक बार फिर भूकंप के झटकों से दहल उठा। शुक्रवार तड़के जब लोग गहरी नींद में थे तभी अचानक आए तेज झटकों ने सबको डरा दिया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक सुबह करीब 4:30 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 दर्ज की गई है।
10 किलोमीटर नीचे था भूकंप का केंद्र
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार इस झटके का असर काफी स्पष्ट और तेज था। भूकंप का केंद्र जमीन से महज 10 किलोमीटर नीचे था। सतह के करीब केंद्र होने की वजह से कंपन काफी जोरदार महसूस किया गया। कच्छ का इलाका सिस्मिक ज़ोन-5 (Seismic Zone 5) में आता है जो भूकंप के लिहाज से भारत का सबसे खतरनाक क्षेत्र माना जाता है।
घरों से बाहर भागे लोग
तड़के जब खिड़कियां और दरवाजे तेज आवाज के साथ खड़खड़ाने लगे तो साल 2001 की तबाही याद कर लोग दहशत में आ गए। भुज, अंजार और गांधीधाम जैसे इलाकों में लोग शोर मचाते हुए अपने घरों से बाहर खुले मैदानों की ओर भागे। गनीमत यह रही कि इस भूकंप से अभी तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान या किसी इमारत के गिरने की सूचना नहीं मिली है। स्थानीय प्रशासन फिलहाल नुकसान का जायजा ले रहा है।
रिक्टर स्केल का गणित: कितनी तीव्रता, कितना खतरा?
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। आइए समझते हैं कि किस नंबर का क्या मतलब होता है:
| तीव्रता |
असर और खतरा |
| 0 - 1.9 |
महसूस नहीं होता, सिर्फ मशीनों पर पता चलता है। |
| 2.0 - 2.9 |
बहुत हल्का कंपन, ज्यादातर लोग समझ नहीं पाते। |
| 3.0 - 3.9 |
पंखे हिल सकते हैं, ट्रक गुजरने जैसा अहसास होता है। |
| 4.0 - 4.9 |
(आज का भूकंप) खिड़कियां बजती हैं, फोटो फ्रेम गिर सकते हैं। |
| 5.0 - 5.9 |
फर्नीचर हिलने लगता है, पुरानी इमारतों में दरारें संभव हैं। |
| 6.0 - 6.9 |
भारी नुकसान, कच्ची और पुरानी इमारतें गिर सकती हैं। |
| 7.0 - 7.9 |
इमारतें गिरना शुरू, जमीन फटना और भारी तबाही। |
| 8.0 - 8.9 |
पुल और टावर गिर जाते हैं, सैकड़ों किमी तक बर्बादी। |
| 9.0+ |
पूर्ण विनाश, सुनामी का खतरा और जमीन में लहरें। |