Chandra Grahan 2023: 5 मई को लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, पढ़ें पूरी जानकारी

Edited By Updated: 04 May, 2023 08:33 AM

chandra grahan 2023

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब चंद्रमा ठीक पृथ्वी के पीछे उसकी पीछे की छाया में आ जाता है और ऐसा तभी ही होता है

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lunar eclipse 2023: चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब चंद्रमा ठीक पृथ्वी के पीछे उसकी पीछे की छाया में आ जाता है और ऐसा तभी ही होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। ऐसा ज्योमैट्रिक प्रतिबंध के कारण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है। इस साल 2023 में लगने वाला यह इस साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा जो कि 4 घंटे 15 मिनट की अवधि का होगा। यह ग्रहण वैशाख पूर्णिमा तिथि को होगा, जो कि 5 मई 2023 शुक्रवार के दिन होगा। यह एक सामान्य ग्रहण न होकर एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा। उपछाया चंद्रग्रहण से तात्पर्य यह है कि जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश नहीं करता बल्कि उसकी उपछाया में प्रवेश कर वहीं से ही बाहर निकल जाता है। ऐसे ग्रहण में चंद्रमा आकार व उसके रंग पर भी कोई प्रभाव नहीं हो पाता बल्कि इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया मात्र ही नजर आ पाती है। जिसे मालिन्य अथवा पेनुम्ब्रा भी कहा जाता है। यह चंद्रमा को पृथ्वी की छाया के धुंधले, बाहरी हिस्से से गुजरते हुए देखेगा। सूर्य, चंद्र और पृथ्वी के सूक्ष्म मंद प्रभाव और अपूर्ण संरेखण के कारण पेनुम्ब्रा ग्रहण का निरीक्षण करना मुश्किल है।

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Chandra Grahan 2023 Date and Time: यह उपच्छाया चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार रात्रि के 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि को 1 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 4 घंटे 17 मिनट की होगी। यह उपछाया चंद्रग्रहण भारत देश में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। यह उपछाया चंद्रग्रहण यूरोप, मध्य एशिया, अंटार्कटिका के कुछ क्षेत्रों के अलावा हिंद महासागर में दिखाई देगा। तीन खगोलिय पिंडों के अपूर्ण संरेखण के कारण पृथ्वी, सूर्य के कुछ प्रकाश को सीधे चंद्रमा की सतह तक पहुंचने से रोकती है और चंद्रमा के सभी या कुछ भाग को कवर करती है। पृथ्वी छाया के बाहरी भाग से ढ़ंकी हुई होने के कारण ही इसे उपछाया के रूप में जाना जाता है। जो कि छाया के गहरे भाग की तुलना में हल्का होता है। जिसे कि छाया के रूप में जाना जाता है। चंद्र ग्रहण लगने के लिये सबसे महत्वपूर्ण दो संयोग होने चाहिए। पहला उस दिन पूर्णिमा हो और दूसरा सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा लगभग एक ही लाईन में हो। मई में लगने वाला चंद्रग्रहण अगले 19 सालों तक दोबारा नहीं होगा। अगला पिनुम्बरास चंद्रग्रहण केवल सितंबर 2042 में होगा।

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Chandra Grahan 2023 sutak in India: इस ग्रहण का सूतक काल नहीं लगेगा क्योंकि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार इस प्रकार के ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में मान्यता नहीं है। फिर भी यह ग्रहण तुला राशि में लगने जा रहा है, जिस कारण मेष, वृषभ, कर्क और सिंह राशि के जातकों पर इसका प्रभाव रहेगा। इस राशि के जातकों को फाइनेंशियल मैटर्स पर सावधान रहने की आवश्यकता है। विवाद की स्थिति बन सकती है। पारिवारिक सदस्यों में मनमुटाव की संभावना अधिक है। सेहत में अचानक गिरावट। नौकर कर रहे जातकों को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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What precautions should be taken during Chandar Grahan: इस उपछाया चंद्रग्रहण के दौरान जिन भी राज्यों में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। वहां के लोगों को ग्रहण अवधि से पहले सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ में तुलसी या दूर्वा को रखना चाहिए व इस दौरान देव आराधना करनी चाहिए तथा ग्रहण समाप्ति के पश्चात यथाशक्ति दान इत्यादि जरूर करें। दान अपनी स्थिति व दान ग्रहण करने वाले पात्र की पात्रता के अनुसार ही देना चाहिए।

Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientists
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

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