Edited By Jyoti,Updated: 25 Feb, 2019 12:44 PM
ज्योतिष में बताया गया है कि ग्रहों की बुरी दशा के कारण इंसान की कुंडली में कई तरह के दोष पैदा हो जाते हैं।
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ज्योतिष में बताया गया है कि ग्रहों की बुरी दशा के कारण इंसान की कुंडली में कई तरह के दोष पैदा हो जाते हैं। इन दोषों के कारण जातक को अपने जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब सवाल ये है कि इन दोषों के बारे में पता कैसे लगाया जाए। कहने का भाव है कि कैसे पता लगाया जाए कि आप की कुंडली में किस ग्रह के बुरे प्रभाव के चलते दोष पैदा होते हैं। हम जानते हैं आप में से आधे लोगों को इस के बारे में नहीं पता होगा। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसा बताते हैं जिससे आपको आसानी से पता लग सकता है कि आप पर कुंडली में कोई दोष है या नहीं। तो चलिए जानते हैं कालसर्प दोष से जुड़ी कुछ ऐसी बातें, जिससे आप जान सकते हैं कि कहीं आपकी कुंडली में भी कालसर्प दोष तो नहीं कहीं।
कहा जाता है कि लोगों में इस दोष को लेकर काफी डर और आशंकाएं देखी जाती हैं। लेकिन ज्योतिष के अनुसार इसे दूर करने के लिए ज्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं केवल कुछ आसान से उपाय करके इस दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। बता दें कि कुछ लोग इस कालसर्प योग भी कहते हैं। अगर प्राचीन समय के ज्योतिष शास्त्रों की बात करें तो कालसर्प दोष का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता मगर आधुनिक ज्योतिष में इसे पर्याप्त स्थान दिया गया है, लेकिन कहते हैं अलग-अलग जयोतिष विद्वानों की राय इस बारे में एक जैसी नहीं है।
सबसे पहल जान लें कि कालसर्प दोष होता क्या है-
कहा जाता है कि कालसर्प एक ऐसा योग है जो जातक के पहले जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या शाप के कारण उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में राहु और केतु के कारण कालसर्प दोष बनता है। कहते हैं कि इस दोष की वजह से व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कालसर्प दोष 12 प्रकार का होता है काल्सर्प दोष-
अनंत
कुलिक
वासुकि
शंखपाल
पद्म
महापद्म
तक्षक
कर्कोटक
शंखनाद
घातक
विषाक्त
शेषनाग
तो आईये सबसे पहले जानते है की कालसर्प क़े साये क़े क्या संकेत होते है-
काल्सर्प दोष की शांति के लिए करें इन मंत्रों का जाप-
राहू-केतु के मंत्र-
राहू मंत्र : ।। ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ।।
केतु मंत्र : ।। ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।।
सर्प मंत्र और नाग गायत्री मंत्र-
सर्प मंत्र : ।। ॐ नागदेवताय नम: ।।
नाग गायत्री मंत्र : ।। ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात् ।।
इन सबके अलावा घर में फिटकरी, समुद्री नमक और देशी गाय का गौमूत्र मिलाकर रोज पोंछा लगाने से और गुग्गल की की धूप करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
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