Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 May, 2025 12:02 PM

कवि रहीम और कवि गंग के मध्य गहरी मित्रता थी। दोनों अपनी रचनाएं एक-दूसरे को सुनाते और उन पर गहन चर्चा करते। दोनों संत प्रकृति के थे इसलिए दोनों की खूब जमती थी। रहीम की एक आदत बहुत अच्छी थी कि वह जरूरतमंदों को दान दिया करते थे।
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Inspirational Story: कवि रहीम और कवि गंग के मध्य गहरी मित्रता थी। दोनों अपनी रचनाएं एक-दूसरे को सुनाते और उन पर गहन चर्चा करते। दोनों संत प्रकृति के थे इसलिए दोनों की खूब जमती थी। रहीम की एक आदत बहुत अच्छी थी कि वह जरूरतमंदों को दान दिया करते थे।
उनके पास जो भी आता, वह खाली हाथ नहीं लौटता था। कवि गंग उनकी दान वृत्ति पर प्रसन्न होते थे। किंतु कवि गंग को एक बात अजीब लगती थी कि जब भी रहीम लोगों को दान देते तो अपनी दृष्टि नीचे झुका लेते थे। उनके ऐसा करने से कई बार कुछ लोभी लोग दोबारा दान ले लेते थे।

जब कवि गंग ने कई बार यह दृश्य देखा तो उनसे रहा नहीं गया। एक दिन उन्होंने रहीम से पूछ ही लिया-दान देने का आपका यह कैसा अजीब तरीका है ? जब दान देने के लिए आप हाथ ऊपर करते हैं तो आंखें नीचे क्यों कर लेते हैं ? लालची लोग इसका गलत फायदा उठा लेते हैं।

रहीम ने उत्तर दिया, “देने वाला कोई और (ईश्वर) है जो दिन-रात देता रहता है किंतु जो यहां लेने आते हैं उन्हें ऐसा भ्रम होता है कि मैं दे रहा हूं। बस, यही सोचकर मैं अपनी दृष्टि नीचे झुका लेता हूं।” कवि गंग स्वार्थ रहित दान भावना देखकर प्रसन्न हो गए।
