Edited By Prachi Sharma,Updated: 10 Aug, 2025 11:06 AM

अमरीका से प्रकाशित ‘द वर्ल्ड्स वर्क’ पत्रिका के पहले संपादक थे वाल्टर हाइन्स पेज। पत्रिका के लिए उनके पास लेख आते रहते थे। वह हर दिन कई लेख रद्द कर देते थे और कई लेख प्रकाशित करने के लिए रख लेते थे। कई बार कुछ टिप्पणी के साथ लेखक को वापस भेज देते...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Inspirational Story: अमरीका से प्रकाशित ‘द वर्ल्ड्स वर्क’ पत्रिका के पहले संपादक थे वाल्टर हाइन्स पेज। पत्रिका के लिए उनके पास लेख आते रहते थे। वह हर दिन कई लेख रद्द कर देते थे और कई लेख प्रकाशित करने के लिए रख लेते थे। कई बार कुछ टिप्पणी के साथ लेखक को वापस भेज देते थे। यह उनकी दिनचर्या में शामिल था।
एक बार एक लेखिका ने उन्हें लिखा, “पिछले हफ्ते आपने मेरी कहानी लौटा दी। मेरा यह दावा है कि आपने मेरी कहानी को पढ़ा ही नहीं। मेरा पूर्वानुमान था कि आप जैसे संपादक अपने काम में ईमानदारी नहीं बरतते, इसी की जांच के लिए मैंने अपनी कहानी के बीच के पृष्ठों को चिपका दिया था और जब कहानी वापस आई तो वे पृष्ठ वैसे ही चिपके हुए मिले। यह आपकी अयोग्यता नहीं तो और क्या है ?”
इस बात पर मिस्टर पेज ने जवाब दिया, “हांडी के चावल पके हैं या नहीं यह जानने के लिए सिर्फ एक चावल को टटोला जाता है, पूरी हांडी को उलटकर चावलों को टटोलने की जरूरत नहीं पड़ती। जिसके पास अनुभव है, उसे चीजों को परखने में देर नहीं लगती। वह अपने अनुभव की कसौटी पर सत्य को परख लेता है। अनुभवी आदमी लोगों को देखकर या उसकी लिखी किसी भी वाक्य रचना को पढ़कर पहचान लेता है।”

उन्होंने लेखिका को इसके साथ ही एक सीख दी, ‘अपना मूल्यांकन पहले स्वयं करना चाहिए।’ लेखिका को पेज की बातें अच्छी लगीं और उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार किया।
