Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Nov, 2025 03:37 PM

Inspirational Story:उस दौर में गुलामी प्रथा प्रचलित थी। एक बार उन्होंने भी अपनी मदद के लिए एक गुलाम खरीदा। उन्होंने गुलाम से पूछा, “बता तेरा नाम क्या है ?”
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Inspirational Story: उस दौर में गुलामी प्रथा प्रचलित थी। एक बार उन्होंने भी अपनी मदद के लिए एक गुलाम खरीदा। उन्होंने गुलाम से पूछा, “बता तेरा नाम क्या है ?”
गुलाम ने उत्तर दिया, “जिस नाम से आप पुकारें।” बादशाह ने फिर पूछा, “तू क्या खाएगा?” गुलाम ने कहा, “जो आप खिलाएंगे।” बादशाह ने थोड़ी हैरत से पूछा, “तुझे कैसे कपड़े पसंद हैं?” उसने जवाब दिया, “जो आप पहनने को दें।”

बादशाह फिर बोले, “तू क्या काम करेगा ?” गुलाम ने विनम्रतापूर्वक कहा, “आप जो भी हुक्म करें।”
बादशाह दंग रह गए। उन्होंने इस तरह की बातें कभी नहीं सुनी थीं। उन्होंने पूछा, “आखिर तू चाहता क्या है ?”

गुलाम ने सिर झुकाकर जवाब दिया, “हुजूर। गुलाम की अपनी क्या चाह?” बादशाह गद्दी से उतरकर उसे गले लगाते हुए बोले, “आज से तुम मेरे उस्ताद हो। तुमने अनजाने में ही मुझे बहुत बड़ी सीख दी है।
किसी इंसान को यह हक नहीं कि दूसरे को गुलाम बनाए। तेरी बातों से पता चला कि ईश्वर के साथ हमारा रिश्ता कैसा होनी चाहिए। हमें ज्यादा पाने की चाह नहीं रखनी चाहिए। पूरी तरह से अपने आपको ईश्वर के हवाले कर देना चाहिए।”
