Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Dec, 2025 03:20 PM

Inspirational Story: एक गुलाम अपने मालिक की दिन-रात सेवा करता था । मालिक ने एक दिन उसे जान-बूझकर एक कड़वी ककड़ी खाने को दी। मालिक ने सोचा था कि गुलाम इसे चखते ही फैंक देगा, मगर वह पूरी ककड़ी बिना कुछ कहे खा गया। उसके चेहरे के हाव-भाव से ऐसा बिल्कुल...
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Inspirational Story: एक गुलाम अपने मालिक की दिन-रात सेवा करता था । मालिक ने एक दिन उसे जान-बूझकर एक कड़वी ककड़ी खाने को दी। मालिक ने सोचा था कि गुलाम इसे चखते ही फैंक देगा, मगर वह पूरी ककड़ी बिना कुछ कहे खा गया। उसके चेहरे के हाव-भाव से ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि ककड़ी उसे कड़वी लगी।
मालिक ने पूछा, “वह ककड़ी तो कड़वी थी, उसे तू पूरी खा कैसे गया ?”
गुलाम ने कहा, “मालिक, आप मुझे रोज ही खाने-पीने की कितनी चीजें देते हैं, उन्हीं के सहारे मेरा जीवन चल रहा है।
आपने मुझे जब हमेशा इतनी सारी अच्छी वस्तुएं दीं और उन्हें मैंने स्वीकार कर अपना जीवन चलाया तो आज अगर कड़वी चीज आ गई, तो उसे भी स्वीकार क्यों न करता ?”
गुलाम ने फिर कहा, “मुझे तो आपकी बगिया में ही रहना है। मुझे तो आपके फूलों से भी उतना ही प्यार है, जितना कांटों से।” मालिक बड़ा उदार व समझदार था।
वह सोचने लगा कि भगवान ने हमें इतने सुख में रखा तो अगर कभी-कभार विपत्तियां आ भी जाएं तो हमें उन्हें ईश्वर की कृपा मानकर ही स्वीकार करना चाहिए।
उसने गुलाम से कहा, “तुमने मुझे सबक सिखाया है कि जो परमात्मा हमें तरह-तरह के सुख देता है, अगर जीवन में कभी दुख आ जाए तो उसे खुशी से स्वीकार करना चाहिए।” मालिक ने गुलाम को उसी दिन आजाद कर दिया।