Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Jun, 2025 06:54 AM

पुरी (प.स.): ओडिशा के पुरी में शुक्रवार को रथ यात्रा उत्सव का मुख्य भाग शुरू होने के साथ ही हजारों लोगों ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के रथों से जुड़ी रस्सियों को गुंडिचा मंदिर की ओर खींचा। यह मंदिर 12वीं सदी के भगवान जगन्नाथ मंदिर से करीब 2.6...
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पुरी (प.स.): ओडिशा के पुरी में शुक्रवार को रथ यात्रा उत्सव का मुख्य भाग शुरू होने के साथ ही हजारों लोगों ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के रथों से जुड़ी रस्सियों को गुंडिचा मंदिर की ओर खींचा। यह मंदिर 12वीं सदी के भगवान जगन्नाथ मंदिर से करीब 2.6 किलोमीटर दूर है। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथों को खींचने वालों में शामिल थे।
जय जगन्नाथ और हरि बोल के उद्घोष तथा झांझ-मंजीरे, तुरही और शंख की ध्वनि के बीच सबसे पहले शाम 4.08 बजे भगवान बलभद्र का ‘तालध्वज’ रथ आगे बढ़ा। इसके बाद देवी सुभद्रा का ‘दर्पदलन’ रथ और अंत में भगवान जगन्नाथ का ‘नंदीघोष’ रथ रवाना हुआ। लाखों लोग उत्सव में हिस्सा लेने के लिए शहर में पहुंचे हैं।