‘जागृत’ मंदिर है भक्ति एवं श्रद्धा का संगम जनकपुर धाम, करें दर्शन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 02:40 PM

janakpur dham do darshan

नेपाल का जनकपुर धाम अपने दामन में अनेक सांस्कृतिक धरोहरों को समेटे हुए है। यहां आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की गणना करना एक दुरूह कार्य है। जनकपुर धाम में असंख्य मंदिरों का होना अपने आप में एक र्कीतमान है। आज जनकपुर पर्यटकों के लिए पर्यटन...

नेपाल का जनकपुर धाम अपने दामन में अनेक सांस्कृतिक धरोहरों को समेटे हुए है। यहां आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की गणना करना एक दुरूह कार्य है। जनकपुर धाम में असंख्य मंदिरों का होना अपने आप में एक र्कीतमान है। आज जनकपुर पर्यटकों के लिए पर्यटन का मुख्य केन्द्र बन चुका है। प्राचीन काल से ही जनक, सुनैना आदि परिवार का दर्शनीय मंदिर है जानकी मंदिर। मिथिला अम्बा के हृदय प्रांगण जनकपुर धाम में यह मंदिर अवस्थित है। यहां आदि काल से ही राजा जनक और सुनैना की मूर्तियां भी विद्यमान हैं।

PunjabKesari
आस्था और आध्यात्मिकता का मंजुल मिश्रण लिए इस मंदिर में स्थापित मूर्तियां अति प्राचीन लगती हैं। मंदिर के आंतरिक भाग में जानकी और राम के साथ ही लक्ष्मण जी की मूर्तियां हैं। इस मंदिर की यह परम्परा रही है कि सभी मंदिर महंत परम्परा से ही संचालित होते आ रहे हैं।

PunjabKesari
मंदिर के प्रत्येक इलाके को उसकी पट्टी के नाम से जाना जाता है जैसे रामपट्टी, राम मंदिर के इलाके को कहा जाता है। इसी प्रकार लक्ष्मण पट्टी, जानकी पट्टी आदि अनेक भाग हैं। इस मंदिर के विकास के लिए नेपाल महाराज द्वारा समय-समय पर आर्थिक सहायता दी जाती रही है।

PunjabKesari
जनकपुर धाम के विशाल गढ़ की लम्बाई 15 कि.मी. पूर्व, 15 कि.मी. पश्चिम तथा इतनी ही उत्तर तथा दक्षिण में भी है। धाम के पश्चिम में गलेश्वर नाथ महादेव एवं माण्डेश्वर नाथ महादेव का मंदिर है। उत्तर में क्षिरेश्वर नाथ एवं पर्वतेश्वर नाथ का मंदिर है। पूर्व में सिंघेश्वरनाथ एवं महेश्वर नाथ महादेव का मंदिर है। दक्षिण में कल्याणेश्वर नाथ एवं विश्वनाथ महादेव का मंदिर है। इसी प्रकार जनकपुर धाम के पश्चिम में बानिमाची ऋषि का आश्रम, पूर्व में महर्षि विश्वामित्र का मंदिर तथा दक्षिण में विभाण्डक मुनि का आश्रम स्थित है।

PunjabKesari
इतिहास के अनुसार मुनियों द्वारा इस जनकपुर धाम के पांच कोस तक गुप्त रूप से परिक्रमा की जाती थी। उसी समय गंगासागर के पूर्वी तट पर वटवृक्ष के नीचे मस्तारामाचार्य तपस्या में लीन थे। उन्होंने तपस्या के क्रम में ही एक दिन हनुमान जी का दर्शन पाया। कुछ दिनों के बाद उसी स्थान पर शेषावतार लक्ष्मण तथा लव-कुश की मूर्ति धरती के अंदर से प्रकट हुईं। इस स्थान से कुछ ही दूरी पर नीम के पेड़ के नीचे राजा जनक के दरबार की मूर्तियां भी मिलीं। उसी समय से उक्त मूर्तियों की पूजा-अर्चना शुरू हो गई।

PunjabKesari
नेपाल नरेश तथा हिकमगढ़ महाराजा के सहयोग से जानकी मंदिर का निर्माण कराया गया। कहा जाता है कि हिकमगढ़ महाराज की कोई संतान नहीं थी। उन्होंने एक  के बाद एक तीन औरतों से शादी की किंतु तीनों रानियों में से किसी के संतान नहीं हुई। उस समय महंत राज किशोर शरण वहां की पूजा किया करते थे। एक दिन हिकमगढ़ महाराज अपनी तीनों रानियों के साथ जनकपुर धाम दर्शन के लिए पहुंचे। महंत राजकिशोर शरण ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान किया। ईश्वर की कृपा से तीनों रानियों ने समयानुसार एक-एक पुत्र को जन्म दिया। महाराज अपने पुत्रों एवं रानियों के साथ फिर से जनकपुर धाम आए और उन्होंने जानकी मंदिर का निर्माण कराना शुरू किया। उस समय इस मंदिर के निर्माण में नौ लाख रुपए का खर्च आया था। इसी से इस मंदिर को ‘नौलखा’ मंदिर भी कहा जाने लगा।

PunjabKesari
जनकपुर धाम में अगहन (अग्रहण) माह के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को ‘विवाह पंचमी’ महोत्सव का आयोजन बड़ी धूमधाम से किया जाता है। इस अवसर पर लाखों की संख्या में भक्तगण जुटते हैं। सभी मूर्तियों पर नए-नए वस्त्र-आभूषण आदि चढ़ाए जाते हैं।


इस मंदिर को लोग ‘जागृत’ मानते हैं क्योंकि यहां भक्तों की सच्चे मन से मांगी गई मुरादें अवश्य पूरी होती हैं। यहां लोग अपने बच्चों का मुंडन, उपनयन आदि भी कराते हैं। लोगों का मानना है कि विवाह के बाद जो विवाहित जोड़े इस धाम में पहुंचकर पूजा- अर्चना करते हैं, उनका पारिवारिक (दांपत्य) जीवन सुखमय बीतता है और संतति तथा सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।


जनकपुर धाम स्थित जानकी एवं राम मंदिर सिद्धपीठ की तरह उदीयमान हैं। मंदिर के इर्द-गिर्द अनोखे शिला लेख भी देखने को मिलते हैं। यहां एक तालाब है जिसका नाम ‘गंगासागर’ है। इस तालाब के विषय में बताया जाता है कि महाराज जनक ने ‘शिव धनुष’ की पूजा के लिए पवित्र जल की मांग की थी और शिव जी ने स्वयं आकाश से यहां जल प्रदान किया था। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!