Kundli Tv-  जानें किसे कहते हैं जेष्ठा गौरी ?

Edited By Updated: 10 Nov, 2018 09:44 AM

jyeshtha gauri

शनिवार दिनांक 10.11.18 को बुध का नक्षत्र ज्येष्ठा व देवी गौरी की तिथि तृतीया है। कार्तिक शुक्ल तृतीया व जेष्ठा नक्षत्र के मेल से अतिगंड योग में देवी जेष्ठा गौरी का पूजन किया जाएगा। शास्त्रों में इन्हें गणेश की मां व लक्ष्मी की बड़ी बहन बताया गया है।

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शनिवार दिनांक 10.11.18 को बुध का नक्षत्र ज्येष्ठा व देवी गौरी की तिथि तृतीया है। कार्तिक शुक्ल तृतीया व जेष्ठा नक्षत्र के मेल से अतिगंड योग में देवी जेष्ठा गौरी का पूजन किया जाएगा। शास्त्रों में इन्हें गणेश की मां व लक्ष्मी की बड़ी बहन बताया गया है। अतः इन्हें जेष्ठा कहा जाता है। पद्मपुराण के अनुसार समुद्र मंथन में विष निकालने के बाद ज्येष्ठा उत्पन्न हुई थीं। रक्त वस्त्रों से सजी चतुर्भुजी देवी के एक हाथ में अभयमुद्रा, दूसरे में वरमुद्रा, तीसरे में तीर व चौथे में धनुष है। कौआ पर सवार देवी कमल पर विराजित हैं। इनका निवास पीपल पर है। शास्त्रों में इन्हें धूमावती, अलक्ष्मी व जेष्ठा कहा है। ये पाप, आलस, दुख पर आधिपत्य रखती हैं। पौराणिक मतानुसार कालांतर में जेष्ठा गौरी ने असुरों का वध कर असुरों से पीड़ित स्त्रियों के सुहाग की रक्षा की थी। जेष्ठा गौरी के पूजन से गृहक्लेश दूर होते हैं, रोगों से छुटकारा मिलता हैं, संतान के कष्ट दूर होते हैं।

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स्पेशल पूजन विधि: घर की पश्चिम दिशा में काला कपड़ा बिछाकर उस पर स्टील के लोटे में जल, दूध, तिल व सिक्के डालकर लोटे के मुख पर पीपल के पत्ते रख कर उस पर नारियल रखें और जेष्ठा गौरी कलश की स्थापना करके विधिवत पूजन करें। कलश पर जल चढ़ाएं, सरसों के तेल का दीप करें, लोहबान की धूप करें, सुरमे से तिलक करें, नीले फूल चढ़ाएं, मेहंदी, हरी कांच की चूड़ियां व 16 शृंगार चढ़ाएं। चने-गुड़ का भोग लगाएं। 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। चना-गुड़ प्रसाद स्वरूप काली गाय को खिलाएं।

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सुबह का स्पेशल पूजन मुहूर्त: सुबह 08:00 से सुबह 09:00 तक।

शाम का स्पेशल पूजन मुहूर्त: शाम 17:45 से शाम 18:45 तक।

स्पेशल पूजन मंत्र: ॐ महेश्वर्यै देव्यै नमः॥

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स्पेशल टोटके: 
गृहक्लेश से मुक्ति के लिए
: जेष्ठा गौरी पर पीले गुड़हल के फूल चढ़ाएं।

रोगों से मुक्ति के लिए: पीली सरसों सिर से वारकर जेष्ठा गौरी के सामने कपूर के साथ जलाएं।

संतान के कष्ट दूर करने के लिए: संतान के फोटो पर मेहंदी लगाकर जेष्ठा गौरी पर चढ़ाएं।

गुडलक के लिए: जेष्ठा गौरी पर चढ़े हरे मूंग गरीब महिला को दान करें। 

विवाद टालने के लिए: जेष्ठा गौरी पर सूखा धनिया चढ़ाकर कपूर के साथ जलाएं।
 
नुकसान से बचने के लिए: जेष्ठा गौरी पर पीपल के 12 पत्ते चढ़ाएं।

प्रोफेशनल सक्सेस के लिए: जेष्ठा गौरी पर सुपारी चढ़ाकर ऑफिस की दराज़ में रखें।
 
एजुकेशन में सक्सेस के लिए: ॐ गौर्यै गोजनन्यै नम: मंत्र का जाप करें।

फैमिली हैप्पीनेस के लिए: जेष्ठा गौरी पर पीपल के पत्तों की माला चढ़ाएं।

लव लाइफ में सक्सेस के लिए: पीपल के पत्ते पर चंदन से लवर का नाम लिखकर देवी पर चढ़ाएं।

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आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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