Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Nov, 2025 05:00 PM

Kaal Bhairav Jayanti 2025: भगवान काल भैरव को भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है। उन्हें समय का स्वामी और काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। इनकी जयंती पर किए गए उपाय बहुत ही जल्द फलदायी होते हैं और शत्रुओं, नकारात्मक शक्तियों, भय तथा दुर्भाग्य से...
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Kaal Bhairav Jayanti 2025: भगवान काल भैरव को भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है। उन्हें समय का स्वामी और काशी का कोतवाल भी कहा जाता है। इनकी जयंती पर किए गए उपाय बहुत ही जल्द फलदायी होते हैं और शत्रुओं, नकारात्मक शक्तियों, भय तथा दुर्भाग्य से मुक्ति दिलाते हैं। यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जिसे भैरव अष्टमी या कालाष्टमी भी कहते हैं। 2025 में यह तिथि 12 नवंबर, बुधवार को है। आइए, जानते हैं कि काल भैरव जयंती पर कौन से विशेष उपाय करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और जीवन में सुरक्षा आती है।
काल भैरव जयंती पर शत्रुओं से मुक्ति के महाउपाय
सरसों के तेल का चौमुखी दीपक
शाम या रात के समय काल भैरव मंदिर में या अपने घर के पूजा स्थल पर यह उपाय करें। एक चौमुखी दीपक लें और उसमें सरसों का तेल भरें। दीपक में काली उड़द के कुछ दाने डालें। दीपक प्रज्वलित करते समय और उसके बाद रुद्राक्ष की माला से भगवान भैरव के मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
ॐ ह्रीं काल भैरवाय हं फट् स्वाहा।
यह उपाय शत्रुओं द्वारा उत्पन्न बाधाओं और तंत्र-मंत्र के प्रभाव को समाप्त करता है और भैरव बाबा की विशेष सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
कुत्ते को भोजन कराना
कुत्ते को भगवान भैरव का वाहन माना जाता है। इस दिन कुत्तों को भोजन कराना अत्यंत शुभ और अनिवार्य माना गया है। विशेष रूप से काले रंग के कुत्ते को मीठी रोटी, दूध या दही-चावल खिलाना चाहिए। अगर आप घर पर मीठी रोटी नहीं बना सकते, तो बाजार से जलेबी या इमरती भी खिला सकते हैं। कुत्ते को भोजन कराने से भगवान काल भैरव अति प्रसन्न होते हैं। यह उपाय आपके शत्रुओं को शांत करता है और आपको उनके षड्यंत्रों से बचाता है।

बटुक भैरव मंत्र का जाप
बटुक भैरव भगवान भैरव का बाल स्वरूप हैं, जिनकी पूजा तुरंत फल देती है और संकटों से मुक्ति दिलाती है।
मंत्र: रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें:
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ।
इस मंत्र का जाप करने से जीवन के सभी प्रकार के भय, दुर्घटनाएं और आपदाएं दूर होती हैं। यह शत्रु बाधा को काटने के लिए बहुत शक्तिशाली माना जाता है।
आंवले के पत्ते और सिंदूर का उपाय
यदि कोई शत्रु आपको लगातार परेशान कर रहा है, तो इस विशेष उपाय को करें। आंवले के 5 पत्ते लें। उन पत्तों पर सिंदूर की सहायता से अपने शत्रु का नाम लिखें। इन पत्तों को भैरव बाबा के चरणों में अर्पित कर दें। भगवान भैरव से प्रार्थना करें कि वह शत्रु के साथ आपके रिश्ते को सामान्य कर दें या शत्रु के मन से द्वेष की भावना समाप्त कर दें।
भैरव चालीसा या अष्टक का पाठ
काल भैरव जयंती के दिन भैरव चालीसा या काल भैरव अष्टक का पाठ करना बहुत प्रभावशाली होता है। यह पाठ नकारात्मक ऊर्जा, बुरी आत्माओं और शनि, राहु, केतु के अशुभ प्रभावों को दूर करता है। यह आपके आस-पास एक सुरक्षा चक्र बनाता है, जिससे शत्रु आपके ऊपर हावी नहीं हो पाते।
