Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Jul, 2025 07:01 AM

Kailash Mansarovar 2025 : कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल एक चुनौतीपूर्ण तीर्थयात्रा मानी जाती है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह यात्रा खासतौर पर शिव भक्तों के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है
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Kailash Mansarovar 2025 : कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल एक चुनौतीपूर्ण तीर्थयात्रा मानी जाती है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यह यात्रा खासतौर पर शिव भक्तों के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है और हर साल भक्तों की एक बड़ी संख्या इसे करने के लिए निकलती है। यह यात्रा 30 जून से शुरू होकर अगस्त तक चलती है और इस दौरान तीर्थयात्री कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की परिक्रमा करते हैं।
50 किलोमीटर का पैदल सफर
कैलाश मानसरोवर की यात्रा में सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा कैलाश पर्वत की परिक्रमा करना है। यह यात्रा करीब 50-55 किलोमीटर पैदल तय करनी पड़ती है, जो लगभग 3 दिन में पूरी की जा सकती है। इस दौरान श्रद्धालु कड़ी मेहनत और तपस्या के साथ पर्वत के चारों ओर घूमते हैं। कैलाश पर्वत के आसपास की अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और शांति भक्तों को एक अलौकिक अनुभव देती है।
इसके साथ ही, कैलाश यात्रा के दौरान मानसरोवर झील की परिक्रमा भी की जाती है। यह झील 320 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है, और इसकी परिक्रमा भी भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्म है।

यात्रा के मुख्य मार्ग
कैलाश मानसरोवर की यात्रा को करने के लिए दो प्रमुख मार्ग हैं:
लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड)
नाथू ला दर्रा (सिक्किम)
इन दोनों मार्गों से यात्रा की अवधि लगभग 23 से 25 दिनों के बीच होती है। दोनों रास्ते चुनौतीपूर्ण होते हैं और इन मार्गों पर चलने के लिए शारीरिक और मानसिक फिटनेस का होना जरूरी है।

यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दौरान मौसम काफी अस्थिर हो सकता है। इसलिए यात्रा के लिए गर्म कपड़े लेना बहुत जरूरी है, ताकि ठंड और मौसम के उतार-चढ़ाव से बचा जा सके। इसके अतिरिक्त, यात्रा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना, मानसिक शांति बनाए रखना, और भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। इस यात्रा का अनुभव अत्यधिक दिव्य और शांति से भरपूर होता है।
धार्मिक दृष्टि से महत्व
कैलाश मानसरोवर की यात्रा केवल हिंदू धर्म के लिए ही नहीं, बल्कि बौद्ध, जैन और सिख धर्मों के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इन सभी धर्मों के अनुयायी इस स्थान को एक पवित्र स्थल मानते हैं और इसे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा मानते हैं। यहां के अनुभव और अध्यात्मिक शांति श्रद्धालुओं के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है।
