Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Jun, 2025 09:44 AM

Kalashtami 2025: हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित है। तंत्र साधक इस रोज खास पूजा के माध्यम से बाबा भैरव को प्रसन्न कर अपने बुरे दिनों को अच्छे समय में परवर्तित...
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Kalashtami 2025: हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित है। तंत्र साधक इस रोज खास पूजा के माध्यम से बाबा भैरव को प्रसन्न कर अपने बुरे दिनों को अच्छे समय में परवर्तित करते हैं। भैरव पूजा से पाप, कष्ट और दुख समाप्त होते हैं, सुख-साधनों में बढ़ोतरी होती है।
कालाष्टमी पूजा विधि: संध्या के समय भैरव का विधिवत पूजन करें। सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं, गुगल धूप करें, केसर का तिलक लगाएं, लाल फूल चढ़ाएं। मीठी रोटी का भोग लगाएं। किसी माला से इस विशेष मंत्र का यथासंभव जाप करें। जप पूरा होने के बाद 4 मीठी रोटी कुत्ते को डालें।

पूजा मंत्र: ह्रीं उन्मत्त भैरवाय नमः॥

कालाष्टमी पर करें ये महा टोटके
प्रेम विवाह में सफलता के लिए भोजपत्र पर प्रेमी का नाम लिखकर भैरव मंदिर में चढ़ाएं।
पारिवारिक समृद्धि के लिए भैरव पर अर्पित मौली घर के मेन गेट पर बांधें।
क्रूर ग्रहों के प्रभाव से छुटकारे के लिए भैरव पर अर्पित 4 इमरती कुत्तों को खिलाएं।

कालाष्टमी पर भैरव मंदिर में मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाकर इस मंत्र का जाप करें।
मंत्र: ॐ धूम्रलोचनाय नमः॥
प्रेम में सफलता, पारिवारिक समृद्धि और क्रूर ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा चाहते हैं तो भैरव बाबा को भोग में गुड़, जलेबी व शहद अर्पित करें।