Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Aug, 2025 07:34 AM

Kashi Vishwanath Temple: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर अपनी भव्यता और पवित्रता के लिए विश्वभर में विख्यात है। इसे भक्त प्रेम से भोले की नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहां के प्रमुख देवता भगवान शिव यानी बाबा विश्वनाथ की उपासना...
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Kashi Vishwanath Temple: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर अपनी भव्यता और पवित्रता के लिए विश्वभर में विख्यात है। इसे भक्त प्रेम से भोले की नगरी भी कहा जाता है क्योंकि यहां के प्रमुख देवता भगवान शिव यानी बाबा विश्वनाथ की उपासना होती है। यह मंदिर पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु गंगा में स्नान कर भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार, इस नगरी के प्रहरी के रूप में काल भैरव देवता की पूजा होती है, जो भोलेनाथ की रक्षा करते हैं। इस पावन अवसर पर भक्तगण गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं, जिसे करने से देव महादेव की प्रसन्नता प्राप्त होती है और आशीर्वाद मिलता है। यही कारण है कि श्रद्धालु यहां आस्था और श्रद्धा के साथ आते हैं और अपने मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं।
काशी वो नगरी जहां जीवन और मृत्यु का अद्वितीय संगम होता है। जहां भगवान शिव साक्षात निवास करते हैं, वहीं भगवान विष्णु की उपस्थिति भी महसूस होती है। इस दिव्य नगरी में हाल ही में एक अलौकिक दृश्य ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। 20 अगस्त की शाम, शयन आरती के ठीक बाद, काशी विश्वनाथ मंदिर के शिखर पर एक सफेद उल्लू को बैठे हुए देखा गया। यह दृश्य इतना विशिष्ट था कि जो भी देख रहा था वह वहीं रुक गया। क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सफेद उल्लू देवी लक्ष्मी का वाहन माना गया है और इसे शांति, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक भी कहा गया है।
मंदिर शिखर पर इस उल्लू का आकर बैठना महज एक संयोग नहीं बल्कि कई लोगों के लिए एक दिव्य संकेत बन गया है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि ऐसे समय और स्थान पर इस तरह का दृश्य प्रकट होना, किसी बड़े सकारात्मक परिवर्तन की ओर इशारा करता है। लोगों के बीच इस घटना को लेकर कई तरह के विचार और चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे आर्थिक समृद्धि का आगमन मान रहा है, तो कोई इसे भारत की भविष्य की दिशा से जोड़ कर देख रहा है। तो आइए, ज्योतिषीय नजरिए से और पुराणों के आधार पर समझते हैं कि सफेद उल्लू के इस दर्शन का क्या अर्थ हो सकता है और क्या यह भारत के लिए कोई शुभ संकेत लेकर आया है ?
काशी विश्वनाथ के शिखर पर दिखा श्वेत उल्लू इस बात को दर्शाता है कि आर्थिक समस्याएं अब जल्द ही खत्म होने वाली हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उल्लू धन प्राप्ति का संकेत माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि रात के समय सफेद उल्लू दिखाई दे, तो यह एक अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है, खासकर नौकरी और व्यापार के क्षेत्र में।
विश्व शांति की ओर इशारा- सफेद रंग को हमेशा से शांति, सौम्यता और संतुलन का प्रतीक माना गया है। ऐसे में यदि किसी पवित्र स्थल पर सफेद उल्लू का प्रकट होना होता है, तो इसे केवल एक स्थानीय संकेत नहीं, बल्कि वैश्विक संदेश के रूप में भी देखा जा सकता है।
Significance of White Owl सफेद उल्लू का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति को सफेद रंग का उल्लू दिखाई दे, तो इसे बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि ऐसा दृश्य इस बात की ओर इशारा करता है कि उस व्यक्ति के जीवन में आर्थिक परेशानियों का अंत होने वाला है। यदि कोई व्यक्ति किसी कठिन दौर से गुजर रहा हो और इसी समय उसे सफेद उल्लू दिख जाए, तो यह संकेत देता है कि जीवन में सकारात्मक बदलाव आने वाले हैं। यह न केवल उम्मीद और ऊर्जा का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आपके पितर आपसे प्रसन्न हैं और उनकी कृपा आपके साथ है। ऐसे में डरने या चिंतित होने की आवश्यकता नहीं बल्कि इस संकेत को विश्वास और आस्था के साथ अपनाना चाहिए।