Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Aug, 2025 07:58 AM

Kashi Vishwanath Temple: विक्रम संवत 2082 के भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, यानी 7 सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने ग्रहण से संबंधित समय-सारणी जारी की है। काशी क्षेत्र में चंद्रग्रहण का आरंभ...
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Kashi Vishwanath Temple: विक्रम संवत 2082 के भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा, यानी 7 सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। इस अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने ग्रहण से संबंधित समय-सारणी जारी की है। काशी क्षेत्र में चंद्रग्रहण का आरंभ रात्रि 9:57 बजे होगा, इसका मध्यकाल 11:41 बजे और मोक्षकाल रात्रि 1:27 बजे तय किया गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण से 9 घंटे पूर्व और सूर्यग्रहण से 12 घंटे पूर्व सूतक काल शुरू हो जाता है। हालाँकि, श्री काशी विश्वनाथ, जिन्हें समस्त सृष्टि के आराध्य माना गया है, पर सूतक का प्रभाव नहीं माना जाता, फिर भी जनसामान्य और सभी प्राणियों के लिए सूतक काल दोषपूर्ण माना जाता है। मंदिर की पुरानी परंपरा के अनुसार जब भी चंद्र या सूर्यग्रहण होता है, तो ग्रहण लगने से करीब दो घंटे पहले मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, और पूजा-पाठ व आरती की व्यवस्था में परिवर्तन किया जाता है। इस परंपरा का पालन करते हुए, 7 सितंबर को होने वाले चंद्रग्रहण के दिन मंदिर में दर्शन, पूजा और आरती निर्धारित समय से पहले रोक दी जाएगी।