कौरवों से नफ़रत करते थे शकुनि इसलिए गलत कार्यों में दिया था दुर्योधन का साथ!

Edited By Jyoti,Updated: 26 Sep, 2020 03:21 PM

mama shakuni hated the kauravas and duryodhana

महाभारत युद्ध का सबसे बड़ा कारण कौरवों के मामा श्री थे, जिनका नाम था शकुनि। जी हां, गंधारी के भाई और धृतराष्ट्र के साला श्री ने अपने बहन जीजा के बेटे को दुर्योधन को युद्ध के लिए भड़काने में अपना पूरा योगदान दिया।

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महाभारत युद्ध का सबसे बड़ा कारण कौरवों के मामा श्री थे, जिनका नाम था शकुनि। जी हां, गंधारी के भाई और धृतराष्ट्र के साला श्री ने अपने बहन जीजा के बेटे को दुर्योधन को युद्ध के लिए भड़काने में अपना पूरा योगदान दिया। जिस कारण बहुत से लोग ये सोचते हैं कि शकुनि ने जो भी किया वो केवल अपने भांजे प्रेम में किया। मगर क्या आप जानते हैं शकुनि का ये सब करने का कारण न तो उनका अपने  बहन-जीजा के लिए प्रेम था न ही अपने भांजों के प्रति। बल्कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार शकुनि ने ये सब क्रोध के आवेश में किया था। जी हां, कहा जाता है असल में दुर्योधन ही नहीं बल्कि वे अपने पूरे कौरव वंश से नफरत करते थे। हम जानते हैं शायद आप में से ऐसे बहुत से लोग होंगे जिन्हें ये बात सत्य नहीं लगती होगी। मगर आपको बता दें धार्मिक ग्रंथों में जो वर्णन मिलता है उसके अनुसार यही सत्य है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में शास्त्रों में क्या वर्णन है। 
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कथाओं के अनुसार चाहे शकुनि धृतराष्ट्र का साला था, मगर उसने कभी अपनी बहन और जीजा का अच्छा नहीं सोचा। बल्कि हर बार गलत इरादे रखते हुए अपनी बहन या जीजा के पास आता। इतना नहीं अपनी कृटिल चालें चलता और दुर्योधन तो भी अपने जैसा बनने के लिए प्रेरित करता। कहा जाता है चूंकि दुर्योधन को लगता था कि उसके मामा उसकी हित की बात करते हैं इसलिए वह उनकी हर बात मानता है। इसी मामा प्रेम में आकर उसने पांडवों को जुआ खेलने के लिए मज़बूर किया था।

शकुनि स्वयं चौसर का माहिर था, इस खेल में उसे हरा पाना किसी के लिए भी संभव नहीं था। ग्रंथों में इससे मिलते चित्रों पर गौर करें तो इसके हाथ में हमेशा पासे रहते थे। जिवके बारे में कहा जाता था कि वह हमेशा शकुनि के हिसाब से चलते थे। यानि जो अंक वो चाहता था उसके पास वही अंक आता था।
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शकुनि  के इन पासों से जुड़ी एक पौराणिक कथा प्रचलित है असल में ये पासे उसके पिता की रीढ़ की हड्डी से बने थे। जिनमें उसके पिता की आत्मा थी, जिस कारण वह इन्हें कभई खुद से दूर नहीं करता था। इसकी बहन का विवाह हस्तिापुर के राजा धृतराष्ट्र से हुआ था अंधे थे। कथाओं के मुताबिक पितामह भीष्ण गांधारी के लिए उनका रिश्ता लाए मगर उन्होंने इस बात को गांधारी समेट सभी से छिपा रखा था कि धृतराष्ट्र अंधे हैं। यही कारण शकुनि हस्तिनापुर से नफरत करता था, परंतु उसने कभी अपने स्वभाव से इस बात को जाहिर नहीं होने दिया। बता दें जिस गांधार राज्य से गांधारी शादी करके आई थी, वह अफगानिस्तान में स्थित है। 

शास्त्रों में इससे जुड़ी जानकारी के अनुसार धृतराष्ट्र ने गांधारी के 100 भाईयों को तथा उनके पिता सुबह को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया। जब शकुनि को उसके इस अत्याचार का ज्ञात हुआ तो उसने ये प्रतिज्ञा ली थी कि वो एक दिन संपूर्ण कौरव वंश का नाश कर देगा। जिस कारण उसने दुर्योधन को अपने जैसे कुटिल बना था। बता दें 18 दिन तक चलने वाले महाभारत युद्ध के अंतिम दिन सहदेव ने शकुनि का वध किया था। तो वहीं इसके दोनों पुत्रों का वध अर्दुन तथा उनके पुत्र अरावन ने किया था। 
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