Edited By Lata,Updated: 07 Dec, 2019 02:55 PM
हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बड़ा महत्व होता है। हर त्योहार को तो धूम-धाम के साथ मनाया जाता है लेकिन साथ ही
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों का बड़ा महत्व होता है। हर त्योहार को तो धूम-धाम के साथ मनाया जाता है लेकिन साथ ही हर व्रत की भी उतनी ही मान्यता होती है। ऐसे ही हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व होता है। वैसे तो साल में 24 एकादशियां आती हैं लेकिन मलमास आने के कारण इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती हैं। कल 08 दिसंबर दिन रविवार को मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाएगा। मोक्षदा एकादशी का धार्मिक महत्व पितरों के मोक्ष दिलाने वाली एकादशी के रुप में भी माना जाता है। इस एकादशी को विधि-विधान से पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है। बता दें कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने करुक्षेत्र की पावन धरती पर ही अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। आज हम आपको इस एकादशी की महत्वता के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
महत्व
मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन का मोह भंग करने के लिए मोक्ष प्रदायिनी श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसलिए इस दिन को गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि उन्होंने अर्जुन के साथ-साथ ये उपदेश संसार के हर व्यक्ति के लिए दिया था। गीता के हर एक श्लोक में भगवान ने मनुष्य जीवन में आने वाली हर परेशानी का समाधान बताया है।
श्रीमद्भगवद्गीता में अठारह अध्याय हैं। गीता के ग्यारहवें अध्याय में भगवान श्री कृष्ण के द्वारा अर्जुन को विश्वरूप के दर्शन का वर्णन किया गया है। इस अध्याय में बताया गया है कि अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण को संपूर्ण ब्रह्माण्ड में व्याप्त देखा। श्री कृष्ण में ही अर्जुन ने भगवान शिव, ब्रह्मा एवं जीवन मृत्यु के चक्र को भी देखा। इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।